Bija Mandal Temple Controversy: नाग पंचमी के अवसर पर बीजा मंडल मंदिर में ताले को लेकर विवाद गहरा गया है. हिंदू संगठनों ने कड़ा प्रदर्शन किया. बता दें कि पूजन को लेकर दो पक्ष सामने आए हैं. एक पक्ष ने ताला के पूजन का विरोध किया. उनका कहना है कि ताला खोल कर ही पूजन होगा. बीजा मंडल का ताला न खुलने के विवाद में 88 वर्षीय पंडित नंदकिशोर शास्त्री की आंखों से आंसू झलक गए और कहा कि ताले की पूजा कभी नहीं होती, यह नियम विरोध है. युवाओं ने इस स्थिति का विरोध करते हुए पूजा में शामिल नहीं हुए और बाहर बैठे रहे. 


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ताले और देहरी की पूजा
वहीं,  दूसरा धड़ा और स्थानीय विधायक मुकेश टंडन ने ताले और देहरी की पूजा की. आक्रोशित युवाओं ने बीजा मंडल में हनुमान चालीसा का पाठ किया. विधायक ने इस मुद्दे पर असंतोष व्यक्त किया और कहा कि लड़ाई अधूरी है, मंदिर के लिए जान देने का दावा किया. गौरतलब है कि वर्षों से नाग पंचमी के अवसर पर हिंदू समुदाय के लोग बीजा मंडल मंदिर परिसर का ताला खोलकर बाहर बैठकर पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं, लेकिन इस बार हिंदू संगठनों ने मंदिर का ताला खोलकर अंदर पूजा-अर्चना करने की अनुमति मांगी, जिस पर कलेक्टर ने मंदिर परिसर का ताला खोलने से मना कर दिया तो हिंदू संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया. 


जानिए पूरा मामला?
दरअसल, विदिशा जिले के बीजा मंडल मंदिर में हर साल नाग पंचमी के मौके पर हिंदू धर्म के लोग पूजा करते हैं. यह पूजा साल में एक बार मंदिर के बाहर होती आ रही है. इस बार नाग पंचमी पर हिंदू संगठन ने मंदिर के अंदर पूजा की अनुमति मांगी. इस पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने पत्र जारी कर कहा कि बीजा मंडल मंदिर नहीं बल्कि मस्जिद है. ASI के पत्र के आधार पर कलेक्टर ने यह कहते हुए पूजा की अनुमति नहीं दी कि बीजा मंडल मंदिर नहीं, मस्जिद है. अब इसे लेकर विवाद शुरू हो गया है.


बीजा मंडल छावनी में तब्दील
मंदिर में पूजा की अनुमति न मिलने के बाद नाग पंचमी के मौके पर बीजा मंडल पूरी तरह से छावनी में तब्दील हो गया है. यहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और प्रशासन भी अलर्ट मोड में है.