बीजा मंडल की कहानी सुनाते हुए रो पड़े हिंदू धर्म गुरु, आखिरी इच्छा खुल जाए ताला, जानिए मुस्लिम समाज का पक्ष
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बीजा मंडल की कहानी सुनाते हुए रो पड़े हिंदू धर्म गुरु, आखिरी इच्छा खुल जाए ताला, जानिए मुस्लिम समाज का पक्ष

Vidisha Bija Mandal Mandir-Masjid Controversy: विदिशा के बीजा मंडल मंदिर-मस्जिद विवाद पर बात करते-करते धर्म गुरु नंद किशोर शास्त्री की आंखें भर आईं. उन्होंने कहा कि कलेक्टर को इतिहास पढ़ना चाहिए. किसी ने भी लड़ाई में साथ नहीं दिया इसीलिए आज मंदिर ताले में कैद है. वहीं, अब इस विवाद पर मुस्लिम समाज का पक्ष भी जानिए.

Bija Mandal Temple Controversy

Dharm Guru Nand Kishore on Vidisha Bija Mandal Mandir-Masjid Controversy: मध्य प्रदेश के विदिशा जिला स्थित बीजा मंडल मंदिर-मस्जिद विवाद पर हिंदू संगठनों के बाद अब धर्म गुरु भी खुलकर बोलने लगे हैं. नाग पंचमी के मौके पर मंदिर के अंदर पूजा को लेकर शुरू हुआ विवाद बढ़ता ही जा रहा है. इस विवाद पर बोलते-बोलते धर्म गुरु नंद किशोर शास्त्री की आंखें भर आईं और वे रो पड़े. उन्होंने बताया कि वे 78 साल से मंदिर में पूजा के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन किसी के भी साथ न देने के कारण ये मंदिर आज भी ताले कैद है. 

रो पड़े धर्म गुरु
विदिशा जिले में रहने वाले धर्म गुरु नंद किशोर शास्त्री बीजा मंडल मंदिर-मस्जिद विवाद के बारे में बताते-बताते रो पड़े. उन्होंने बताया कि बीजा मंडल में मस्जिद नहीं मंदिर है. वे 88 साल से मंदिर के लिए लड़ रहे हैं. उनकी इस लड़ाई में कोई भी उनके साथ नहीं आ रहा है. नेताओं ने भी मंदिर  की आजादी के लिए साथ नहीं दिया. धर्म गुरु नंद किशोर शास्त्री ने कहा कि नेता कहते रहे लेकिन मदद नहीं की. 

'इसीलिए आज मंदिर ताले में कैद है...'
धर्म गुरु नंद किशोर शास्त्री ने कहा कि वे बरसों से मंदिर में पूजा के लिए लड़ाई तो लड़ रहे रहे हैं लेकिन कभी भी किसी ने इस लड़ाई में उनका साथ नहीं दिया. यही कारण है कि आज मंदिर ताले में कैद है. उन्होंने आगे कहा कि उनकी आखिरी इच्छा है कि बीजा मंडल मंदिर में ताला खुलवाकर पूजन करवाएं. वे इस मंदिर में हिंदुओं को पूजा करते हुए देखना चाहते हैं. अब बहुत हुआ. ये मंदिर अब हिंदुओ को मिलना चाहिए.

कलेक्टर पर भड़के धर्म गुरु
इस विवाद पर बात करते हुए धर्म गुरु नंद किशोर जिला कलेक्टर और उनके आदेश पर भड़क गए. उन्होंने कहा कि कलेक्टर को इतिहास पढ़ना चाहिए. बीजा मंडल मंदिर है मस्जिद नहीं. 

जानिए मुस्लिम समाज का पक्ष
इस विवाद मुस्लिम समाज प्रवक्ता शोहेल अहमद बबलू ने कहा कि बीजा मंडल विवाद हमारा नहीं है. 1965 में हमारा समझौता हो चुका है. हमें नमाज के लिए अलग ईदगाह की जगह मिल चुकी है. वहीं पर नमाज अदा होती है. बीजा मंडल को लेकर प्रशासन और हिंदुओं के बीच विवाद है. 

क्या है बीजा मंडल मंदिर-मस्जिद विवाद
दरअसल, विदिशा जिला स्थित बीजा मंडल मंदिर में हर साल नाग पंचमी के मौके पर हिंदू धर्म के लोग पूजा करते हैं. साल में एक बार होने वाली ये पूजा मंदिर के बाहर काफी सालों से होती आ रही है. इस बार नाग पंचमी के मौके पर हिंदू संगठन ने मंदिर के अंदर पूजा के लिए अनुमति मांगी थी. इस पर ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) ने पत्र जारी करते हुए कहा कि बीजा मंडल मंदिर नहीं बल्कि मस्जिद है. ASI के पत्र के आधार पर कलेक्टर ने ये बोलते हुए कि बीजा मंडल मंदिर नहीं मस्जिद है वहां पूजा की अनुमति नहीं दी. अब इसे लेकर विवाद शुरू हो गया है.  

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बीजा मंडल छावनी में तब्दील
मंदिर में पूजा की अनुमति नहीं मिलने के बाद नाग पंचमी के मौके पर बीजा मंडल आज पूरी तरह से छावनी में तब्दील हो गया है. यहां भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है. प्रशासन भी अलर्ट मोड में है. 

नई संसद की मिलती-जुलती है डिजाइन
बता दें कि बीजा मंडल मंदिर की डिजाइन नई संसद से मिलती-जुलती है. वहीं, अब मंदिर में पूजा के लिए अनुमति नहीं मिलने और इसे मस्जिद बताने पर विवाद हिंदू संगठन आक्रोशित है.

इनपुट- विदिशा से प्रमोद शर्मा की रिपोर्ट, ZEE मीडिया

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