Reaction On CAA Notification In India: भारत में सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी CAA या फिर नागरिकता संशोधन कानून का नोटिफिकेशन जारी हो गया है. इसपर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का भी रिएक्शन आया है.
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Reaction On CAA Notification: नई दिल्ली/भोपाल। केंद्र सरकार CAA यानी सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसी के साथ देश में नागरिकता संशोधन कानून आ गया है. इस कानून के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश अफगानिस्तान से आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों भारत की नागरिकता दी जाएगी. कानून के लागू होते ही एक बार फिर इसे लेकर देश में चर्चा होने लगी है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इसे ऐतिहासिक निर्णय बताया है. वहीं मुस्लिम नेताओं का भी रिएक्शन इसपर आया है.
CM मोहन यादव ने कहा- ऐतिहासिक निर्णय
CAA पर सीएम मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा 'एक और ऐतिहासिक निर्णय...मानवता के कल्याण के लिए समर्पित आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आज एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू कर दिया गया है. इससे हमारे पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में अत्याचार की पीड़ा से उन अल्पसंख्यक नागरिकों को हमेशा के लिए मुक्त होने का रास्ता मिल सकेगा, जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 तक भारत में शरण ली थी.'
सीएम मोहन यादव ने अपने पोस्ट में आगे लिखा 'मैं इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आदरणीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का ह्रदय से आभार एवं अभिनंदन करता हूं.'
आरिफ मसूद का बयान
मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता आरिफ मसूद का बयान भी इस कानून पर आया है. उन्होंने कहा कि ये डिप्लोमेटिक लड़ाने भिड़ाने औए भ्रम फैलाने वाली बात है. शरणार्थियों के लिए पहले से ही एक कानून मौजूद है. चुनाव से पहले ध्रुवीकरण और लड़ाने औऱ धुर्वीकरण के अलावा यह कुछ नहीं है. सरकार की नीति और नियत साफ नहीं है इसलिए संदेह है.
जमाल सिद्दीकी बोले परेशान न हों
दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी के नेता जमाल सिद्दीकी की प्रतिक्रिया भी कानून पर आई है. उन्होंने कहा कि गांधी और नेहरू भी यही चाहते थे. इसमें विरोध करने वाली क्या बात है. ये नागरिकता देने वाला कानून है. मुस्लिम भाइयों को भी परेशान होने की जरुरत नहीं है.
नागरिकता देने का कानून
सीएए और एनआरसी पर छिड़े विवाद पर गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कहा था कि इससे किसी को डरने की जरूरत नहीं है. ये अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ नहीं उन लोगों को नागरिकता देने के लिए है जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न का शिकार हुए हैं और भारत में आ गए हैं. शाह ने कहा था ये किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं है बल्कि नागरिकता देने के लिए है.