Chinese Manjha: जिंदगी की डोर काट रहा चाइनीज मांझा, बैन के बावजूद लोग बन रहे शिकार
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Chinese Manjha: जिंदगी की डोर काट रहा चाइनीज मांझा, बैन के बावजूद लोग बन रहे शिकार

Chinese Manjha: आज पूरे देश में मकर संक्रांति का पर्व बड़ी ही खुशियों के साथ मनाया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ बैन चाइनीज मांझे से घायल  हो रहे लोगों की खबर भी सामने आ रही है.

Chinese Manjha: जिंदगी की डोर काट रहा चाइनीज मांझा, बैन के बावजूद लोग बन रहे शिकार

भोपाल: आज पूरे देश में मकर संक्रांति का पर्व बड़ी ही खुशियों के साथ मनाया जा रहा है. इस त्योहार को लोग पतंग उड़ाकर धूमधाम से मनाने जुटते हैं. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक चायनीज मांझे पर बैन है, लेकिन हर साल पतंगबाजी के दौरान चाइनीज मांझे से अनेक लोगों के घायल होने की सूचना आती है.  इसके अलावा कभी-कभी चाइनीज मांझा पक्षियों के साथ-साथ आम लोगों के लिए भी जानलेवा साबित होता है. पुलिस प्रशासन समय-समय पर प्रतिबंध को लगाता है, लेकिन बावजूद इसके मांझा लोगों की जान लेने पर तुला है. इस बार भी चाइनीज मांझे ने कई लोगों को गंभीर घायल किया है.

बता दें कि मध्यप्रदेश में प्रतिबंधित चाइनीज मांझा धड़ल्ले से बिक रहा है. हालांकि चाइनीज मांझे के खिलाफ सरकार और प्रशासन ने लोगों को जागरूक भी किया, दुकानदारों पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई. लेकिन इन सभी के बाद भी चाइनीज मांझा लोगों के लिए खतरा बन रहा है. एमपी के कई जगहों पर मांझे से घायल हो रहे और जान भी ले रहे हैं. अब लोग स्थानीय पुलिस- प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं.

मध्यप्रदेश में मांझे का अटैक
बता दें कि धार जिले में 7 साल का मासूम कनिष्क अपने पिता विनोद चौहान के मोटरसाइकिल पर साथ बैठकर जा रहा था. तभी हटवाड़ा में चाइनीज मांझे की चपेट में आने से उसका गला कट गया. जिसके बाद उसे तत्काल उपचार हेतु चिकित्सालय ले जाया गया. जहां उसकी मौत हो गई. 
- इसके अलावा छिंदवाड़ा में मांझे से तीन लोगों के गले कटे, तीनों का ही अस्पताल में उपचार जारी है. 
- वहीं 13 जनवरी की शाम को 65 वर्षीय बुजुर्ग तुलाराम प्रजापत अपने ससुराल जा रहे थे, इसी दौरान हादसे का शिकार हो गए. जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया. बुजुर्ग को 20 टांके लगे स्थिति गंभीर है.
- उसी दिन 13 जनवरी शाम 7 बजे 4 वर्षीय मासूम भी धार मे चपेट मे आया जिसको 10 टांके लगे स्थिति गंभीर है.

गौरतलब है कि एमपी में चायनीज मांझा बैन तो हैं, इसे लेकर कलेक्टर ने आदेश भी जारी कर दिए. अब अगर इसका पालन करवाया जाता तो शायद हालात कुछ ओर ही होते. शायद उस बच्चे की जान भी जान भी बच जाती. जबकि दूसरे मांझा के शिकार अस्पताल में जंग लड़ रहे है.

कांग्रेस ने भी साधा निशाना
वहीं चायनीज मांझे को लेकर कांग्रेस ने कहा कि चायनीज मांझे से लोगों की हत्या हो रही है. इसकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए.  चायनीज मांझे को सप्लाई करने वाले लोग सक्रिय, इनको संरक्षण कौन दे रहा है? ये मौत नहीं हत्या है, इसकी जवाबदेही तय हो? गृह मंत्री रहते नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि चायनीज मांझा प्रदेश में बैन है. बुलडोजर से घर गिराने की बात कही थी, अब बुलडोजर कहां है?

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