MP Cabinet: पहले मंत्रिमंडल विस्तार में खुली इन विधायकों की किस्मत, पहली बार बने मंत्री!
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सरकार का सोमवार को पहला मंत्रिमंडल विस्तार हुआ. इस दौरान 28 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. सभी विधायकों को राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने शपथ दिलाई. सीएम मोहन यादव और 2 डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला को मिलाकर अब मंत्रिमंडल में कुल 31 सदस्य हो गए हैं.
MP Cabinet: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सरकार का सोमवार को पहला मंत्रिमंडल विस्तार हुआ. इस दौरान 28 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. सभी विधायकों को राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने शपथ दिलाई. सीएम मोहन यादव और 2 डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला को मिलाकर अब मंत्रिमंडल में कुल 31 सदस्य हो गए हैं.
आज 18 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली. शपथ ग्रहण के दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव और दोनों डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल राजभवन में मौजूद रहे.
ये विधायक बने पहली बार मंत्री
पहले में मंत्रिमंडल विस्तार में 15 विधायक पहली बार मंत्री बने. इसमें प्रहलाद पटेल, राव उदय प्रताप, संपतिया उइके, नागर सिंह चौहान, चैतन्य कश्यप, राजेश शुक्ला, लखन पटेल, कृष्णा गौर, धर्मेंद्र लोधी, दिलीप जयसवाल, गौतम टेटवाल, नरेंद्र शिवाजी पटेल, प्रतिभा बागरी, दिलीप अहिरवार और राधा सिंह का नाम शामिल है.
13 दिसंबर को ली थी सीएम ने शपथ
विधानसभा चुनाव में बंपर जीत के बाद 13 दिसंबर को डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली थी. उनके साथ ही जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल ने डिप्टी CM के रूप में शपथ ग्रहण की थी. शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत बीजेपी शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए थे.
सिंधिया समर्थक 3 विधायकों को मिली जगह
पहले मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस से भाजपा में आए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सिर्फ 3 विधायकों की मंत्रिमंडल में जगह मिली है. तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत और प्रद्युम्न सिंह तोमर को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. पिछली शिवराज सरकार में सिंधिया समर्थक कुल 10 से ज्यादा मंत्री शामिल थे. इस बार प्रभुराम चौधरी, बृजेंद्र सिंह यादव मंत्रिमंडल में जगह बनाने में नाकामयाब रहे. इसके अलावा सिंधिया समर्थक कुछ मंत्रियों को हार का भी सामना करना पड़ा है.