मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान में पहुंचे सीएम मोहन यादव ने 'चेचक' बीमारी के टीके को लेकर अहम जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कैसे चेचक की टीका बना था और कैसे इसकी एंटीबॉडी तैयार हुई थी. उनका यह बयान सभागार में मौजूद डॉक्टर भी बड़ी दिलचस्पी से सुनते नजर आए. क्योंकि सीएम मोहन यादव को चिकित्सा का भी अच्छा नॉलेज हैं. इस दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश के 50 जिलों के जिला अस्पतालों में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों का भी उद्घाटन किया है. 


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सीएम मोहन ने बताया चेचक के टीका बनने का तरीका


सीएम मोहन यादव ने बताया 'अंग्रेजी शासन के दौरान ही भारत में चेचक का टीका आया था. उस वक्त दुनिया भर में चेचक की बीमारी का प्रकोप आ गया था. तब किसी को चेचक का फोड़ा हुआ था, उस फोड़े में भरी मवाद को बबूल के कांटे से निकाला गया था, तब यही मवाद चेचक से पीड़ित दूसरे व्यक्ति को लगाई जाती थी. जिससे शरीर में चेचक से लड़ने की एंटीबॉडी तैयार हो जाती थी और फिर दूसरे इंसान को चेचक नहीं होता था. बाद में एंटीबॉडी का यही फॉर्मूला अंग्रेजी शासकों ने लंदन भेजा, जहां चेचक के टीके का आविष्कार हुआ था. एक तरह से चेचक से जुड़ा इलाज देश में ही मिला था.'


मंकीपॉक्स पर अलर्ट 


बता दें कि फिलहाल दुनिया में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी है, भारत में भी इसका केस मिलने के बाद सभी राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. मंकीपॉक्स भी चेचक की तरह ही होता है. हालांकि यह अलग बीमारी है, लेकिन चेचक की तरह ही शरीर पर लाल चिट्टे हो जाते हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश में भी मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी है. 


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सीएम मोहन ने दी बड़ी सौगात 


इस दौरान सीएम मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के लोगों को बड़ी सौगात भी दी. उन्होंने प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों का उद्घाटन किया है, जिसका संचालन रेडक्रॉस के तरफ से किया जाएगा. वहीं भोपाल के स्वच्छता सर्वेक्षण में 5 स्टार रेटिंग मिलने पर सफाई मित्रों को भी 5-5 हजार का इनाम देकर प्रोत्साहित किया. सीएम मोहन यादव ने कहा कि सफाई के मामले में जितने स्टार मिलेंगे उस हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. मध्य प्रदेश के सभी शहरों को कचरा मुक्त शहर बनाना है. 


एमपी में 500 केंद्र संचालित 


बता दें कि मध्य प्रदेश में फिलहाल 500 से ज्यादा जन औषधि केंद्र संचालित हैं, जिसकी शुरुआत 2008 में हुई थी. 2015 में पीएम मोदी ने इस दिशा में तेजी से काम किया है. इन औषधि केंद्रों के माध्यम से हजारों लोग सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां मिलती है. इससे आम लोगों को राहत भी रहती है. मध्य प्रदेश में और भी जन औषधि केंद्र भी खोले जा रहे हैं. 


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