भोपाल: मध्य प्रदेश में लगातार आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा करने के मामले सामने आ रहे हैं. दो दर्जन से ज्यादा अस्पतालों में अनयिमितता पाये जाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नाराजगी जताई है. सख्ती बरतते हुए सीएम ने गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने आयुष्मान भारत योजना की समीक्षा की इसी दौरान उन्होंने अधिकारियों को ये निर्देश दिए.


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गड़बड़ी करने वालों को भेजा जाएगा जेल
समीक्षा बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना में किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं होगा. आयुष्मान भारत योजना के तहत बेहतर कार्य करें, जिससे मरीजों को उपचार कराने में कोई असुविधा नहीं हो. योजना में फर्जीवाड़ा करने वालों को जेल भेजने की कार्रवाई होनी चाहिए. बता दे गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निवास पर आयुष्मान भारत योजना की समीक्षा बैठक ली.


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रोकी जाएगी स्वेच्छानुदान की राशि
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मानयोजना में फर्जीवाड़ा असहनीय कार्य है. प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना में घोटाला नहीं चलने देंगे. यह मरीजों और सरकार के साथ धोखा है. घोटाला करने वालों की केवल गिरफ्तारी ही नहीं बाकी अन्य गतिविधियों की भी जांच करें. उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों की स्वास्थ्य विभाग द्वारा दल बनाकर जांच कराई जाए. संदिग्ध पाये गए अस्पतालों में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान की राशि नहीं दी जाएगी.


हर बात ही हो जांच
आयुष्मान योजना की समीक्षा बैठक में लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन प्रियंका दास मौजूद रहे. सभी संबंधितों को सीएम ने कहा कि कॉल सेंटर एक्टिव रहें. मरीजों से पूछताछ करें, भर्ती हैं या नहीं. प्रदेश के दो दर्जन से ज्यादा अस्पतालों में कमियां निकल कर सामने आई हैं, जिन पर कड़ी कार्रवाई करें.


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