MP News: बेहद शर्मनाक! सामूहिक विवाह सम्मेलन में बांटे गए कंडोम और गर्भनिरोधक टेबलेट, जानिए मामला
Jhabua News: मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले से बेहद शर्मानाक मामला सामने आया है. बता दें कि यहां एक सामूहिक विवाह सम्मेलन में दुल्हनों को कंडोम और गर्भनिरोधक की गोलियां बांटी गई.
प्रमोद शर्मा/झाबुआ: झाबुआ जिले से एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में नई पहल की गई है. किट में मेकअप सामान के साथ कंडोम ओर गर्भनिरोधक टेबलेट बांटा गया है. दरअसल, झाबुआ जिले के थांदला में मुख्यमंत्री कन्या विवाह का अयोजन किया गया जिसमें 296 जोड़े सामूहिक रूप से परिणय सूत्र में बंधे. लेकिन इस बार अधिकारियों ने दुल्हनों के मेकअप बॉक्स के अंदर गर्भनिरोधक गोलियों के साथ कंडोम के पैकेट वितरित किए.
पहली बार ऐसा मामला सामने आया है
बता दें कि सामूहिक विवाह में कंडोम और गर्भनिरोधक टेबलेट देने का ये मामला पहली बार सामने आया है. आखिर थांदला में दुल्हन को सजने संवरने के बॉक्स में कंडोम के पैकेट ओर गोलियां किस के कहने पर दी गई . इस मामले में जब जिम्मेदार अधिकारी से चर्चा की गई तो वह सफाई देते नजर आए और कहा कि, यह कारनामा स्वास्थ्य विभाग का है.
इससे पहले डिंडोरी में शादी से पहले कराया गया था प्रेग्नेंसी टेस्ट
गौरतलब है कि इससे पहले मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले में सामूहिक विवाह में शादी के लिए पहुंची कुछ लड़कियों की प्रेग्नेंसी की जांच (Pregnancy Test) कराई गई थी. सामूहिक विवाह से पहले कन्याओं का प्रेगनेंसी टेस्ट पर भड़की कांग्रेस ने मध्यप्रदेश सरकार पर निशाना साधा था. इसके साथ ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भी इसे महिलाओं का अपमान करार दिया है और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की गई थी.
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219 लड़कियों का कराया गया था प्रेग्नेंसी टेस्ट
जानकारी के मुताबिक डिंडोरी के गाड़ासरई कस्बे में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह का आयोजन हुआ था, जिसमें 219 लड़कियों का प्रेगनेंसी टेस्ट कराया गया था. टेस्ट के बाद प्रेग्नेंट मिलीं 4 दुल्हनों को सामूहिक विवाह में शामिल नहीं किया गया था. इस मामले को लेकर जिलाधिकारी ने बताया था कि सामूहिक विवाह में शामिल होने वाले 219 जोड़ों के लिए मेडिकल परीक्षण के द्वारा जेनेटिक बीमारी ‘सिकलसेल’ की जांच कराए जाने के निर्देश दिए गए थे.'सिकलसेल बीमारी की जांच के दौरान चिकित्सकों ने चार लड़कियों का गर्भावस्था परीक्षण किया गया, क्योंकि उन्हें पीरियड नहीं आए थे.