MP News: राजनीति में कब क्या होता है, कुछ कहा नहीं जा सकता. लोकसभा चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश में सियासी हलचल जमकर हुई थी. इस दौरान कांग्रेस के दो विधायक अचानक से बीजेपी में शामिल हो गए थे. जिसके बाद माना जा रहा था कि दोनों विधायक पद से इस्तीफा देंगे. लेकिन बीजेपी में शामिल होने के बाद भी दोनों ने डेढ़ महीने बाद भी विधायकी से इस्तीफा नहीं दिया है. ऐसे में उनकी सीटों को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. क्योंकि दोनों को लेकर फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता है कि वह बीजेपी में हैं या कांग्रेस में. क्योंकि विधायकों ने बीजेपी ज्वाइन कर ली है, लेकिन विधायकी से इस्तीफा नहीं देने की वजह से वह ऑफिशियली कांग्रेस के विधायक हैं. हालांकि माना जा रहा है कि जल्द ही दोनों को लेकर स्थिति क्लीयर हो सकती है. 


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यह विधायक हुए थे बीजेपी में शामिल 


श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत और सागर जिले की बीना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई थी. दलबदल के तहत दोनों को विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ेगा, लेकिन बीजेपी की सदस्यता लेने के बाद भी अभी तक इस्तीफा नहीं दिया गया है. जबकि लोकसभा चुनाव के दौरान ही अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह भी बीजेपी में शामिल हुए थे, उन्होंने तुरंत ही विधायक पद से इस्तीफा भी दिया था. जिससे अमरवाड़ा में उपचुनाव का ऐलान हो चुका है. 


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सीनियर विधायक हैं रावत 


रामनिवास रावत मध्य प्रदेश विधानसभा में सीनियर विधायक हैं, वह विजयपुर विधानभा सीट से 6वीं बार विधायक चुने गए हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान अचानक कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने से लोकसभा चुनाव में भी इसका असर हुआ था. मुरैना लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी ने बढ़त बना ली थी. इसी तरह बीना विधायक भी आखिरी वक्त में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई थी. बीना विधानसभा सीट पर भी बीजेपी ने बढ़त बनाई थी. जिससे सागर लोकसभा सीट पर बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी. दरअसल, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि दोनों विधायक अपने क्षेत्र में विधायक फंड जारी कराने के बाद इस्तीफा दे सकते हैं. क्योंकि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता की वजह से विधायकों का फंड जारी नहीं हो पाया था. 


कांग्रेस ने साधा निशाना 


वहीं दोनों विधायकों के पद से इस्तीफा नहीं देने पर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए मोहन सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा 'जिस कांग्रेस ने इन्हें विधायक बनाया उसे धोखा देकर, लाखों कार्यकर्ताओं के विश्वास को बेचकर, लोकतंत्र को चंद सिक्कों में तौलकर बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं की सौदेबाजी अभी भी जारी है.' ऐसे में इन दोनों विधायकों को लेकर मध्य प्रदेश में अब सियासत भी तेज होती दिख रही है. 


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