Delivery in Auto: अरुण त्रिपाठी/उमरिया। आदिवासी बाहुल्य उमरिया जिले में करोड़ों रुपये स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर खर्च होने के बाद भी लोगों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है. ताजा मामला एंबूलेंस न मिल पाने के कारण ऑटो में प्रसव से जुड़ा है. बताया जा रहा है गाड़ी में कीचड़ ने लगे इस कारण ड्राइवर गांव में एबूलेंस लेकर नहीं पहुंचा था. मामले की जानकारी लगने के बाद प्रशासन ने ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं.


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नशेड़ी ड्राइवर कीचड़ के नाम पर नहीं लाया एंबूलेंस
शनिवार की देर रात ग्राम देवरा निवासी गर्भवती सोनम यादव को प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद परिजनों में 108 एंबूलेंस को काल किया. जिसके बाद चंदिया स्वास्थ्य केंद्र से 108 एंबूलेंस प्रसूता के घर के लिए रवाना तो हुई मगर गांव से दो किमी दूर हाइवे में रुक गई. इसी बीच शराब के नशे में धुत चालक द्वारा गांव जाने वाले मार्ग में कीचड़ होने का हवाला देते हुए प्रसूता को वहीं आने को कहा गया.


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ऑटो में हुआ महिला का असुरक्षित प्रसव
एंबूलेंस के नहीं आने पर प्रसूता की हालत खराब देखकर परिजनों में मना कर दिया और चालक गाड़ी लेकर वापस लौट गया. फिर परिजनों में आधी रात ऑटो बुलाकर प्रसूता को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ला रहे थे. इसी बीच रास्ते मे ऑटो में ही प्रसूता की असुरक्षित डिलीवरी हो गई, जिसके बाद जच्चा और बच्चा दोनों को लेकर परिजन अस्पताल पंहुचे. गनीमत है कि दोनों सुरक्षित हैं.


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24 में से 15 एंबूलेंस जननी सुरक्षा की
उमारिया जिला अस्पताल ले आधीन 24 एंबूलेंस हैं, जिसमे 15 एंबूलेंस केवल जननी सुरक्षा की हैं. ये केवल प्रसूताओं को अस्पताल तक लाने के लिए रिजर्व है, लेकिन प्रसूता की ऑटो के डिलीवरी स्वास्थ्य विभाग की बड़ी संवेदनहीनता को दिखाता है.


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जिम्मेदार कर रहे हैं कार्रवाई की बात
ग्राम देवरा निवासी प्रसूता ले साथ हुई लापरवाही के मामले में जानकारी के बाद स्वास्थ्य विभाग के मुखिया कार्रवाई की बात कर रहे हैं, लेकिन यह सब दिखावा ही साबित होने वाला है. क्योंकि इसके पूर्व भी 108 एंबूलेंस के समय पर न पंहुचने से महिला की मौत तक हो चुकी है. बावजूद इसके स्वाथ्य विभाग की संवेदनहीन कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. हालांकि प्रशासनिक अधिकारी भी इस मसले पर कार्रवाई की बात कर रहे हैं.