Elephant Pushes Trucks: शिवपुरी में सिख जत्थे का सहारा बने गजराज, लोगों को याद आया 'हाथी मेरे साथी' का सीन
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Elephant Pushes Trucks: शिवपुरी में सिख जत्थे का सहारा बने गजराज, लोगों को याद आया 'हाथी मेरे साथी' का सीन

Elephant Pushes Trucks hathi mere sathi: शिवपुरी जिले के ग्रामीण इलाके में कीचड़  में फंसे ट्रकों को हाथी की मदद से रास्ता पार कराया गया है. हाथी के ट्रकों को धक्का लगाने का वीडियो वायरल हो रहा है. इसे लोग शेयर कर हाथी मेरे साथी फिल्म के सीन को याद कर रहे हैं.

Elephant Pushes Trucks: शिवपुरी में सिख जत्थे का सहारा बने गजराज, लोगों को याद आया 'हाथी मेरे साथी' का सीन

Elephant Pushes Trucks hathi mere sathi: शिवपुरी। मध्य प्रदेश में इन दिनों हाथी का एक वीडियो काफी चर्चा का विषय बना हुआ है. वीडियो में एक हाथी ट्रकों को धक्का देकर मिट्टी से बाहर निकालते नजर आ रहा है. बताया जा रहा है वीडियो शिवपुरी के कोलारस अंतर्गत आने वाले भटौआ गांव का है. यहां अमृतसर से नांदेड़ जा रहे सिख समुदाय के एक जत्थे का ट्रक भारी बारिश के कारण कीचड़ में फंस गया था.

अमृतसर से नांदेड़ के लिए निकला है सिघों का जत्था
बताया जा रहा है सिख समुदाय का एक जत्था अमृतसर से नांदेड़ के लिए निकाला था. रास्तें शिवपुरी के कोलारस अंतर्गत आने वाले भटौआ गांव में वो लोग कुछ देर के लिए रुके थे. तभी जोरदार बारिश हो गई, जिससे गांव के रास्ते कीचड़ में तब्दील हो गई. इस रास्ते पर जत्थे के ट्रक फंस गए थे. इन्हीं ट्रकों को धकेलने के लिए जत्थे में शामिल हाथी ने सहारा दिया और ट्रकों को रास्ते में लाया.

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पहले लोगों ने खुद की कोशिश
जत्थे में शामिल लोगों ने बताया कि उन्होंने पहले ट्रेक को सूखी जमीन पर खड़ा किया था. अचानक बरिश के कारण सूखी मिट्टी कीचड़ में बदल गई. इस कारण ट्रक उस कीचड़ में फंस गए.

पहले सभी लोगों ने उसे धक्का देकर उसे कीचड़ से निकालने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. इसके बाद जत्थे के महावत ने हाथी से ट्रक को धक्का दिलवाया. हाथी की ताकत से ट्रक गीली मिट्टी से बाहर निकल गया उसके बाद जत्था आगे के लिए रवाना हुआ.

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जत्थे में शामिल हैं हाथी और घोड़े
बता दें सिख समुदाय के 300 लोगों का एक जत्था कोलारस के भटौआ गांव में रुका था. इस गांव में सिख समाज के सेवादार रहते हैं. वो लोग भी ट्रकों से अमृतसर से महाराष्ट्र के नांदेड़ जा रहे थे. जत्थे में एक हाथी और घोड़े शामिल हैं. घोड़ों और हाथी को सिख लोग गुरु गोविंद सिंह जी की फौज का हिस्सा मानते हैं. इस कारण उन्हें भी नांदेड़ लेकर जा रहे हैं.

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