Dhanteras 2022: धनतेरस पर इस विधि से करें विधि से पूजन,कभी नहीं होगी धन-दौलत की कमी
Dhanteras Puja Vidhi 2022: धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि, कुबेर, यम, और गौरी गणेश के पूजन का बहुत महत्व है. प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य डॉ. सुशील पाण्डेय कि मानें तो जो लोग धनतेरस के दिन पंचोपचार विधि से पूजा करते हैं, उनके घर में हमेशा सुख-समृद्धि बरकरार रहती है और उन्हें कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है. आइए जानते हैं धनतेरस पर कैसे करें पंचोपचार विधि से पूजन?
Dhanteras Puja Mantra 2022: हिंदू धर्म में दिवाली के त्यौहार का बहुत महत्व है. दीपावली का त्यौहार पांच दिनों तक चलता है. इसकी शुरुआत कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रोयदशी तिथि यानी धनतेरस के दिन से हो जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. ऐसे में इस दिन भगवान धनवंतरि देवता के साथ धन दौलत के देवता कुबेर की पूजा की जाती है. आइए प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य डॉ. सुशील पाण्डेय से जानते हैं कि धनतेरस के दिन कैसे करें भगवान धनवंतरि और कुबेर की पूजा और क्या है इसका महत्व?
धनतेरस के दिन घर ले आएं ये चीजें
धनतेरस के दिन खरीददारी का बहुत महत्व है. धनतेरस के दिन सोने-चांदी की खरीददारी करना बहुत शुभ होता है. इस दिन आप मां लक्ष्मी के आगमन के स्वरूप में सोने-चांदी के गहने, बर्तन, नई मोटर वाहन, झाड़ू इत्यादि वस्तुओं की खरीददारी कर सकते हैं. धनतेरस के दिन गौरी गणेश के साथ भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है. भगवान धनवंतरि को वैद्य माना जाता है. ऐसे में इनकी पूजा करने से मनुष्य असाध्य रोग से मुक्त होकर निरोग हो जाता है. साथ ही इनकी पूजा करने से कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है. ़
ये भी पढ़ेंः Dhanteras 2022: धनतेरस पर बन रहे कई शुभ योग, जानिए पूजा विधि व सोने-चांदी के खरीददारी का शुभ मुहूर्त
धनतेरस पर करें यम देवता की पूजा
धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि के साथ कुबेर और यमराज की पूजा का भी बहुत महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि जो लोग धनतेरस के दिन पंच्चोपचार विधि से गोरी, गणेश, धनवंतरि, कुबेर और यम की पूजा करता है. उसके जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है.
ये भी पढ़ेंः Lucky Moles On Female Body: शरीर के इस अंग पर तिल वाली लड़कियां हर मामले में होती हैं लकी, ऐशोआराम की जीती है जिंदगी
पंचोपचार पूजन विधि
पंच्चोपचार पूजन में रोली, हल्दी, अक्षत, फल, मीठा, माला, फूल, धूप से पूजन किया जाता है. इस दौरान सबसे पहले सभी देवताओं गंगाजल से स्नान कराकर रोली, हल्दी और अक्षत अर्पित करें. इसके बाद फूल माला चढ़ाकर मिठाई को भोग लगाएं. पंच्चोपचार विधि से पूजन के क्रम में सबसे पहले धवंतरि देवता की पूजा करते हुए ऊं नमो भगवते धनवनतराय नमः मंत्र का एक माला जाप करें. इसके यम देवता की पूजा करते हुए ऊं यमाय नमः का एक माला जाप करें. इसके साथ ही कुबेर देवता की पूजा करते हुए ऊं वैश्रवणाय स्वाहाः मंत्र का जाप करें. अंत में गोरी गणेश का पूजन करते हुए ऊं हीं श्री लक्ष्मे नमः का जप करें. इसके साथ ही पूजा वाले स्थान पर पांच दिए जलाएं.
ये भी पढ़ेंः दिवाली की सफाई में इन चीजों को जरूर घर से निकाले, वर्ना मां लक्ष्मी हो सकती हैं नाराज
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष द्वारा दी गई जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)