दहेज, दारू और डीजे के खिलाफ उतरा ये समाज, लड़की को भगाया तो देने पड़ेंगे 30 हजार
Madhya Prasdesh News: मध्य प्रदेश में कई आदिवासी जनजातियां रहती हैं. इन जनजातियों के अपने रीति रिवाज और नियम कानून होते हैं. आदिवासी प्रकृति की पूजा करने वाले लोग होते हैं. अब एक समाज ने विवाह के दौरान दहेज, दारू और डीजे को कंट्रोल करने का फैसला किया है.
MP News: अलीराजपुर जिले के जोबट में मिशन D-3 नियंत्रण को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें आसपास के 20 से अधिक गांव से पटेल, चौकीदार, सरपंच सहित समाज के जिम्मेदार लोगों ने हिस्सा लिया. इस दौरान शादियों में दहेज, दारू व डीजे के बढ़ते प्रभाव को रोकने का संकल्प लिया. कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया और हाथ उठाकर मिशन D-3 को अमल में लाने की एक सुर बात कही.
आदिवासी समाज के भील समाज में अलग-अलग गांवों में 5 लाख 6 लाख का देजा (दहेज) तय किया जाता था, जिसे घटाकर 3 लाख पचास हजार रुपए करने पर सहमति बनी. लड़की अगर भागकर शादी करती है तो लड़के पक्ष से मनमाना पैसा वसूल किया जाता है. अब उसकी जगह तीस हजार रुपए गुनाह (दंड) तय किया गया. पहले शादी वाले घर में 5 से 6 डीजे ले जाकर नाच गाना किया जाता था अब नए निर्णय के अनुसार डीजे दूल्हे के घर एक व दुल्हन के घर बाराती डीजे सहित दो डीजे करने की छूट रहेगी.
विदेशी शराब रहेगी बंद
पहले शादी वाले घर में विदेशी शराब का बड़ी मात्रा में उपयोग किया जाता था लेकिन अब विदेशी शराब शादी वाले घर में पूर्णत प्रतिबंधित रहेगी. मिशन डी-3 को कड़े रूप से लागू किया गया तो आने वाले समय में आदिवासी समाज में इसके सार्थक परिणाम देखें जा सकते हैं.
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