Fruit Ripening Technique: फलों को जल्दी पकाने के लिए यह तकनीक है गजब, किसानों को होगा बहुत फायदा
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Fruit Ripening Technique: फलों को जल्दी पकाने के लिए यह तकनीक है गजब, किसानों को होगा बहुत फायदा

Fast Fruit Ripening Technique In Hindi: फलों का भंडारण किसानों के लिए एक बड़ी समस्या है, तो चलिए चलते हैं.आज हम आपको एक ऐसी तकनीक के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे फल जल्दी पक जाएंगे और इसके भंडारण की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी.

Fruit Ripening Technique In Hindi

Fruit Ripening Technique In Hindi: इस समय रबी सीजन चल रहा है और इस सीजन में फलों और सब्जियों की बुआई हो चुकी है.आज हम आपको फलों को सड़ने से बचाने की एक कमाल की तकनीक के बारे में बताएंगे. इसके इस्तेमाल से किसानों की फसलों को नुकसान नहीं होगा.गौरतलब है कि किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या भंडारण की है.  बता दें कि इस समय फलों को पकाने के लिए सबसे ज्यादा इसी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.

ट्राई करें ये तकनीक
यह एक आधुनिक तकनीक है जिसके प्रयोग से फल समय से पकते हैं.इसका इस्तेमाल ज्यादातर बड़े फल विक्रेता करते हैं. इस तकनीक से फलों को पकाने के लिए छोटे-छोटे कक्षों वाला कोल्ड स्टोरेज बनाया जाता है. इस कक्ष में एथिलीन गैस छोड़ी जाती है.जिससे फल जल्दी पकने लगते हैं.इससे फलों को कोई खतरा नहीं होता है. सरकार की ओर से किसानों को इस पर करीब 40 फीसदी सब्सिडी भी दी जाती है.इस तकनीक का उपयोग आम, पपीता, केला पकाने के लिए किया जाता है.इस तकनीक से फल 4-5 दिनों में पक जाते हैं.

पुरानी तकनीक के इस्तेमाल से होता है नुकसान
फलों को अगर ऑर्गेनिक तरीके से पकाया जाए तो ये ज्यादा स्वादिष्ट होते हैं और सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं.अगर ऑर्गेनिक तरीके से फलों को पकाया जाए तो उन्हें पकने में अधिक समय लगता है और कई बार फल खराब भी हो जाते हैं.जिससे किसानों को अधिक नुकसान होता है. इसके अलावा कुछ लोग फलों को पकने के लिए भूसा या कागज में दबा कर रखते हैं.

किसानों को होता है नुकसान 
गौरतलब है कि फ्रूट राइपनिंग तकनीक के इस्तेमाल से पहले किसान फलों को भंडारण केंद्र में रखते थे.इसलिए उसे भंडारण केंद्र में रखने के लिए पैसे देने पड़ते थे.जिससे फल महंगे हो जाते थे और अगर फल खराब भी हो जाते थे तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ता था. 

 

किसानों को मिलेगा ये फायदा 
फ्रूट राइपनिंग तकनीक के प्रयोग से किसान लाभान्वित होते हैं क्योंकि अब फल कम समय में पकते हैं और फल खराब नहीं होते हैं.इस तकनीक के इस्तेमाल के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है.कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए सरकार 30 से 40 फीसदी सब्सिडी भी दे रही है.किसान कृषि अवसंरचना निधि योजना और कृषि व्यवसाय के माध्यम से कोल्ड स्टोरेज खोल सकते हैं.

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