पन्ना टाइगर रिजर्व में नए साल से पहले आई खुशखबरी, युवा बाघिन पी-653 ने जन्मे तीन शावक
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पन्ना टाइगर रिजर्व में नए साल से पहले आई खुशखबरी, युवा बाघिन पी-653 ने जन्मे तीन शावक

  देश-दुनिया में बाघों की बढ़ती आबादी के लिए विख्यात मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) में नए साल के पहले एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. बता दें कि पन्ना टाइगर रिजर्व की युवा बाघिन पी-653 ने तीन शावकों को जन्म दिया हैं.

पन्ना टाइगर रिजर्व में नए साल से पहले आई खुशखबरी, युवा बाघिन पी-653 ने जन्मे तीन शावक

पीयूष शुक्ला/पन्ना:  देश-दुनिया में बाघों की बढ़ती आबादी के लिए विख्यात मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) में नए साल के पहले एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. बता दें कि पन्ना टाइगर रिजर्व की युवा बाघिन पी-653 ने तीन शावकों को जन्म दिया हैं. पर्यटकों ने हिनौता क्षेत्र में बाघिन को शावकों (3 cubs of tigress) के साथ चहल कदमी करते हुए देखा और उसका वीडियो भी बना लिया. पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक का कहना है कि नन्हें मेहमानों के पन्ना टाइगर रिजर्व में आने से प्रबंधन में खुशी का माहौल है.

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तीनों बच्चे स्वस्थ
फील्ड डायरेक्टर पन्ना टाइगर रिजर्व  बृजेंद्र झा ने बताया कि पार्क के मैदानी अमले द्वारा कुछ दिन पूर्व भी बाघिन को शावकों के साथ देखा था. अब पर्यटकों द्वारा उसका वीडियो भी बनाया है. बाघिन और उसके 3 शावक पूरी तरह से स्वस्थ हैं और अपनी नियमित दिनचर्या पूरी कर रहे हैं. इसके साथ ही वन हमले के द्वारा सतत उनकी निगरानी भी की जा रही है.

बच्चों की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी
फील्ड डायरेक्टर ने बताया बाघिन के बच्चे 6 माह के हो गए है. वहीं इन बच्चों की सुरक्षा के लिए स्टाफ को अलर्ट कर दिया है. जिस जगह बाघ का मूवमेंट है, वहां बाहरी व्यक्ति के आने के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. हमारे लिए खुशी की बता है कि पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघिन ने बच्चों को जन्म दिया है. इससे बाघों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी.

टाइगर स्टेट में टाइगर असुरक्षित!
आपको बता दें कि बाघों की मौत के मामले में NTCA की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इस रिपोर्ट की माने तो मध्यप्रदेश में पिछले एक सालों में 32 बाघों की मौत हुई है. ये ही आंकड़े बताते है कि टाइगरों की मौत में मध्यप्रदेश सबसे आगे है. NTCA के मुताबिक पूरे देश में पिछले एक साल में भारत में 99 बाघों की मौत हुई है. जिसमें अकेले मध्यप्रदेश में 32 मौतें हैं. हालांकि बढ़ती बाघों की संख्या अच्छे संकेत देती है.

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