नीरज जैन/ गुना: एक तरफ लोग नए साल की तैयारियों में जुटे हुए हैं दूसरी तरफ गुना (Guna Bus Fire) में हुए सड़क हादसे ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है. बता दें कि बीती रात गुना से आरोन जा रही बस में भीषण आग लग गई. आग पर जब तक काबू पाया जाता इससे पहले आग ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया. जिसकी वजह से 13 लोगों की जान चली गई जबकि 15 लोगों की घायल होने की खबर है. घटना के बाद प्रदेश के सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने जांच के आदेश दिए है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि गुना से आरोन की तरफ बस जा रही थी. इसी दौरान अनियंत्रित होकर डंपर और बस की टक्कर हो गई. टक्कर लगते ही बस पलट गई और उसमें आग लग गई. आग लगते ही अफरातफरी का माहौल बन गया जब तक लोग कुछ समझ पाते आग ने यात्रियों को चपेट में लेना शुरू कर दिया था. ज्यादातर यात्रियों ने बस के कांच तोड़कर खुद को बचाया और बाहर निकलने में कामयाब रहे. लेकिन हादसे की वजह से 13 लोग जिंदा जल गए और उनकी मौत हो गई जबकि 15 लोग घायल हो गए हैं. 


खत्म हो गई थी परमिट 
मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि बस का फिटनेस सर्टिफिकेट 17 जनवरी 2022 तक ही था. जबकि बीमा 30 अप्रैल 2021 को समाप्त हो गया था.  ऐसे में बस किस परमिट पर चल रही थी जब उसका बीमा या फिटनेस नहीं था?  इसके अलावा सूत्रों की माने तो बस गुना के किसी बीजेपी नेता की बताई जा रही है. 


 



सीएम ने दिए जांच के आदेश
घटना के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने दुख भी जताया है साथ ही साथ जांच के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने मृतकों को 4-4 लाख रुपए की सहायता देने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी बिंदुओं पर जांच की जानी चाहिए. इस संबंध में परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. सरकार ने घायलों को 50-50 हजार रुपए की सहायता देने के निर्देश भी दिए हैं. सीएम के अलावा देश के केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी दूरभाष से बात कर अधिकारियों बचाव के निर्देश दिए हैं. बता दें कि हादसे में बुरी तरह झुलस कर घायल हुए लोगों का इलाज जारी है.