IIT satellite campus: मध्य प्रदेश को एक बड़ी सौगात मिलने वाली है. उज्जैन में देश का पहला IIT सैटेलाइट कैंपस विकसित होगा. इस कैंपस को मंजूरी मिल गई है. 474 करोड़ की लागत से ये कैंपस जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा. पढें सभी डिटेल-
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IIT satellite campus in Ujjain: मध्य प्रदेश में देश का का पहला शोध आधारित IIT सैटेलाइट कैंपस बनने वाला है. केंद्र की ओर से इस प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी मिल गई है. महाकाल की नगरी उज्जैन में 474 करोड़ की लागत से इस कैंपस को बनाया जाएगा. यह देश में अपने आप का पहला अनूठा संस्थान होगा, जो न सिर्फ विद्यार्थियों बल्कि शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और आम लोगों के लिए भी बेहद उपयोगी साबित होगा. जानिए इसके बारे में-
देश का अनूठा संस्थान
IIT सैटेलाइट कैंपस देश का अनूठा संस्थान होगा. यह IIT इंदौर का डीप-टेक रिसर्च और डिस्कवरी कैंपस होगा. यहां प्रौद्योगिकी में विश्व-स्तरीय अनुसंधान केंद्र होगा. IIT इंदौर के विशेषज्ञों ने CM मोहन यादव को इस कैंपस के बारे में बताते हुए प्रेजेंटेशन दी. इस दौरान जानकारी दी गई की इसे बनाने में 474 करोड़ रुपए की लागत आएगी, जो डेढ़ से दो साल की अवधि में बनकर तैयार हो जाएगा. ट
केंद्र से मिली मंजूरी
CM मोहन यादव ने इस संबंध में दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा व कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से चर्चा की. IIT इंदौर द्वारा उज्जैन में सैटेलाइट परिसर स्थापित करने की परियोजना को तैयार कर साल 2023 में शिक्षा मंत्रालय के पास भेजा गया था. इस चर्चा के बाद केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उज्जैन के सैटेलाइट परिसर को सहमति दे दी है. इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री को जानकारी दी कि IIT दिल्ली द्वारा मध्य प्रदेश में चार फ्यूचर स्किल कोर्स चलाए जा रहे हैं.
होंगी अलग-अलग गतिविधियां
प्रेजेंटेशन के दौरान CM मोहन यादव को बताया गया कि सैटेलाइट परिसर में डीप टेक रिसर्च एंड लैबोरेट्री डिस्कवरी सेंटर, डिस्कवरी सेंटर, लैब टू मार्केट सेंटर और एस्ट्रोनॉमी एंड स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अलग-अलग तरह की गतिविधियां होंगी. इसका लाभ न सिर्फ विद्यार्थियों बल्कि शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और आम लोगों को भी मिलेगा.
बताया जा रहा है कि डीप-टेक रिसर्च और डिस्कवरी कैंपस का प्रस्ताव हाई-टेक प्रौद्योगिकियों और उत्पादों का विकास करने और कई उच्च-तकनीकी प्रौद्योगिकियों और उत्पादों को विकसित करने के लिए किया जाएगा, जो गहरे तकनीकी क्षेत्र उद्यमों में ले जा सकता है. कैंपस में इन्टेंसिव टेक्निकल रिसर्च लैब, अनुसंधान केंद्र और लैब-टू-मार्केट केंद्र का एक समूह होगा.