उज्जैन में शुरू हुआ सिंहस्थ के चौड़ीकरण का कार्य, 485 मकान व धर्मशाला पर चलेगा बुलडोजर
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उज्जैन में शुरू हुआ सिंहस्थ के चौड़ीकरण का कार्य, 485 मकान व धर्मशाला पर चलेगा बुलडोजर

Ujjain Samachar: बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में सिंहस्थ के चोड़ीकरण का कार्य शुरू हो गया है. कई सालों से इस मार्ग के चौड़ीकरण को लेकर चल रही अटकलें खत्म हो गया है. बता दें कि निगम द्वारा केडी गेट से इमली तिराहा मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य शुरू हो गया है. 

उज्जैन में शुरू हुआ सिंहस्थ के चौड़ीकरण का कार्य, 485 मकान व धर्मशाला पर चलेगा बुलडोजर

राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन (Ujjain) में धार्मिक नगरी होने के चलते शहर में कई विकास कार्य आए दिन देखने को मिलते हैं. उसी क्रम में बीते कई सालों से शहर के केडी गेट से इमली तिराहे तक (Imli Tiraha Road From KD Gate) करीब 2.5 किलोमीटर तक के सड़क चौड़ीकरण की फाइल अटकी पड़ी थी. निगम की पहल पर सभी तरह की अब अटकलें खत्म हुई और इस मार्ग के चौड़ीकरण को लेकर आज रविवार से क्षेत्र में कार्य शुरू हुआ है.  इस बीच कुल 485 मकान, दुकान, धर्मशाला, और धार्मिक स्थल को जद में आएं हैं. सभी को मुआवजा दिया जाएगा.

ये क्षेत्र खास कर सिंहस्थ पर्व के अलावा पुराने शहर में हर रोज भीड़ कंट्रोल, ट्रैफिक जाम की परेशानी से निजात दिलाने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. भवन अधिकारी अनिल कुमार जैन जोन क्रमांक 1 ने इस बात की पुष्टि की और कहा FRV के तहत शासन के निर्देशानुसार मुआवजा दिया है. साथ ही जितना मकान का हिस्सा देंगे हमे उतना ऊपर बनाने की अनुमति मिलेगी.

जानिए क्या है मास्टर प्लान
भवन अधिकारी जोन क्रमांक 1 अनिल जैन ने अधीक जानकारी देते हुए कहा कि कुल 495 मकान इस मार्ग में हैं. सभी की चौड़ाई अलग-अलग आ रही है. कहीं 5 तो कहीं 6 व 7 मीटर है. लेकिन प्रस्तावित मास्टर प्लान अनुसार चौड़ाई 15 मीटर होना चाहिए. मार्ग के दोनों साइड के भवनों के सामने का पोर्शन हटाकर 15 मीटर फुट में बात करें तो 50 फुट तक सड़क चौडीकरण किया जाएगा। कहा FRV के तहत शासन के निर्देशानुसार मुआवजा दिया है व जितना मकान का हिस्सा देंगे हमे उतना ऊपर बनाने की अनुमति मिलेगी.

7.32 करोड़ की लागत से हो रहा कार्य
आपको बता दें कि सड़क चौड़ीकरण का ये कार्य लगभग 07.32 करोड़ की लागत से हो रहा है. जिसमें नगर निगम की सिविल, पीएचई-सीवरेज व प्रकाश शाखा के अधिकारियों ने अपनी-अपनी वित्तीय डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कर शासन को भेजी थी. शासन द्वारा स्वीकृति मिलते ही निगम द्वारा टेंडर आमंत्रित किए गए और अब काम शुरू हुआ है. इस बीच प्रभावित भवन स्वामियों को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया भी की गई. मकान-प्रतिष्ठानों पर निशान भी लगाए गए. मुनादी कराई गई. जिसके बाद कई लोगों ने स्वेच्छा से मकान को तोड़ कर खाली कर लिया.

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