PM Modi In Morena: परिवारवाद को लेकर कांग्रेस पर फिर बरसे पीएम मोदी, मुरैना में कही ये बड़ी बात
Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश के मुरैना में पीएम मोदी ने एक बार फिर कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के लिए उसका परिवार ही सब कुछ है.
PM Modi In Morena: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 25 अप्रैल को लगातार दूसरे दिन मध्य प्रदेश के दौरे पर हैं. मोदी मुरैना के पुलिस परेड ग्राउंड में बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशी शिवमंगल सिंह तोमर के समर्थन में सभा कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. परिवारवाद को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए उसका परिवार ही सब कुछ है.
परिवारवाद को लेकर कांग्रेस पर फिर बरसे पीएम मोदी
मुरैना में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि "बीजेपी के लिए देश से बड़ा कुछ नहीं है और कांग्रेस के लिए अपना परिवार ही सब कुछ है. कांग्रेस की नीति है जो देश के लिए सबसे ज्यादा योगदान करे, सबसे ज्यादा मेहनत करे, सबसे ज्यादा समर्पण करे, उसे सबसे पीछे रखो. इसलिए कांग्रेस ने वर्षों तक सेना के जवानों की 'वन रैंक वन पेंशन' जैसी मांग पूरी नहीं होने दी. हमने सरकार बनते ही 'वन रैंक वन पेंशन' को लागू किया".
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कांग्रेस के शहजादे को पीएम का अपमान करने में मजा आता है
पीएम मोदी ने कहा, "इन दिनों कांग्रेस के युवराज इतने परेशान हैं कि उन्हें हर दिन मोदी का अपमान करने में मजा आता है. उन्हें मोदी के बारे में अच्छी-बुरी बातें कहने में मजा आ रहा है और ये मैं सोशल मीडिया पर देख रहा हूं. मीडिया पर बहुत सारे लोग चिंता जताते हैं कि ये भाषा अच्छी नहीं है.ऐसी भाषा देश के प्रधानमंत्री के लिए बोलना ठीक नहीं है. कुछ लोग बहुत दुखी हो जाते हैं कि मोदी जी को ऐसा क्यों बोला? मेरी सबसे विनती है कि कृपा करके आप दुखी मत हों. आपको पता है कि ये नामदार हैं, हम तो कामदार हैं.
कांग्रेस लंबे समय से दलितों के हक के लिए साजिश रचती रही है
वहीं दलितों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि "कांग्रेस लंबे समय से दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों के अधिकार छीनने की साजिश रचती रही है. 19 दिसंबर 2011 में जब उनकी सरकार थी, तब भी कांग्रेस की केंद्र सरकार धर्म के नाम पर आरक्षण देने का एक नोट संसद में लेकर आई. इस संसदीय नोट में ये कहा गया था कि OBC समाज को जो 27 प्रतिशत आरक्षण मिलता है. सिर्फ दो दिन बाद 22 दिसंबर 2011 को इसका आदेश भी निकाल दिया गया. बाद में आंध्र प्रदेश के हाई कोर्ट ने कांग्रेस सरकार के इस आदेश को रद्द कर दिया".