MP नामा: मध्य प्रदेश के बारे में ये बातें सभी को पता होगी, आपको पता हैं या नहीं
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MP नामा: मध्य प्रदेश के बारे में ये बातें सभी को पता होगी, आपको पता हैं या नहीं

madhya pradesh: मध्य प्रदेश को देश का ह्रदय प्रदेश कहा जाता है, जो अपनी सांस्कृतिक, राजनीतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से देश के सबसे अहम राज्यों में शामिल हैं, मध्य प्रदेश में कुछ ऐसी खासियतें है जो उसे दूसरे राज्यों से अलग बनाती है. मध्य प्रदेश की कुछ ऐसी बातें आपको हम बताने जा रहे हैं. 

MP नामा: मध्य प्रदेश के बारे में ये बातें सभी को पता होगी, आपको पता हैं या नहीं

madhya pradesh: मध्य प्रदेश यानि देश का दिल, एमपी को देश का दिल केवल इसलिए ही नहीं कहा जाता क्योंकि वह भारत के बिल्कुल मध्य में बसा है. बल्कि मध्य प्रदेश की संस्कृति, भूगोल, इतिहास और यहां की सभ्यता पूरे भारत के समागम एहसास कराती है, यानि मध्य प्रदेश के लोग हर त्योहार, हर कल्चर में रचे बसे हैं. यही वजह है कि इसे देश का ह्रदय प्रदेश कहा जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्षेत्रफल के नजरिए से देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य मध्य प्रदेश कितने भागों में बंटा है और किन-किन राज्यों से इसकी सीमा लगती है.  मध्य प्रदेश की कुछ ऐसी ही जानकारी हम आपको ''MP नामा'' के जरिए बताने जा रहे हैं. 

6 भागों में बंटा है मध्य प्रदेश 
1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश की स्थापना हुई थी, अपनी स्थापना के बाद से ही मध्य प्रदेश कई उतार-चढ़ाव से गुजरा है. स्थापना के बाद से मध्य प्रदेश क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य था. लेकिन 1 नवंबर 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ अलग राज्य बन गया. जिसके बाद मध्य प्रदेश का नक्शा बदल गया. फिलहाल मध्य प्रदेश को 6 भागों में बांटा जाता है. जिनमें 52 जिले और 10 संभाग आते हैं और मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल है, प्रदेश की सीमा देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ से लगती है. जिन 6 भागों में एमपी बटा है, हम आपको उन 6 भागों की जानकारी बताते हैं. क्योंकि 6 जोन से ही प्रदेश की राजनीति, संस्कृति, पर्यटन और इतिहास जुड़ा हुआ है. 

मालवा-निमाड़ 
मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा अंचल मालवा-निमाड़ हैं, जहां मालवी और निमाड़ी बोली लोग बोलते हैं. जबकि गुजरात और महाराष्ट्र से सटा होने की वजह से यहां गुजराती और मराठी भी बोली जाती है. मालवा-निमाड़ में प्रदेश का सबसे बड़ा शहर इंदौर इसी अंचल में आता है. जबकि इस अंचल में 15 जिले, और 2 संभाग आते हैं, जहां मालवा का केंद्र इंदौर तो निमाड़ का केंद्र खंडवा और खरगोन को माना जाता है. जिनमें इंदौर, धार, खरगौन, खंडवा, बुरहानपुर, बड़वानी, झाबुआ, अलीराजपुर, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, शाजापुर, देवास, नीमच और आगर. पर्यटन की दृष्टि से अंचल बेहद संपन्न है, धार्मिक, आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से भी यह अंचल प्रदेश के लिए सबसे अहम माना जाता है. जबकि इस अंचल की सीमा तीन राज्य महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान से लगती है. 

महाकौशल 
महाकौशल अंचल मध्य प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा जोन है, जहां मध्य प्रदेश का यह क्षेत्र नर्मदा के उपरी या पूर्वी तट पर स्थित है, इसकी उत्तरी सीमा है विन्ध्य पर्वत श्रृंखला. इस अंचल का मुख्यालय जबलपुर शहर है. महाकौशल में खड़ी और गोंडी बोली के साथ मराठी भाषा भी बोली जाती है. इस जोन में 1 संभाग और 8 जिले आते हैं, जिनमें जबलपुर, कटनी, डिंडौरी, मंडला, नरसिंहपुर, बालाघाट, सिवनी और छिंदवाड़ा जिला शामिल हैं. सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि यह अंचल बेहद संपन्न माना जाता है, प्रदेश की सबसे बड़ी नदी नर्मदा इसी अंचल से सबसे ज्यादा होकर गुजरती है. वनों से घिरा हुए इस अंचल आदिवासी सभ्यता का विशेष झलक देखने को मिलती है. तो राजनीतिक दृष्टि से इस अंचल को किंगमेकर की भूमिका में भी रखा जाता है. इस अंचल की सीमा महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ राज्य से लगती है. 

ग्वालियर-चंबल  
ग्वालियर-चंबल मध्य प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा अंचल माना जाता है, कभी बागी बीहड़ों के लिए मशहूर रहे प्रदेश के इस अंचल में खड़ी बोली का ज्यादा इस्तेमाल होता है, इसके अलावा बुंदेलखंड और राजस्थान से सटे होने के चलते यहां राजस्थानी और बुंदेली भाषा भी बोली जाती है. इस अंचल में दो बड़े शहर आते हैं जिनमें ग्वालियर और मुरैना शामिल हैं. जबकि इस अंचल में 2 संभाग और आठ जिले आते हैं, जिनमें ग्वालियर, मुरैना, शिवपुरी, भिंड, गुना, अशोकनगर, दतिया और श्योपुर शामिल हैं. चंबल नदी इस अंचल की सबसे बड़ी नदी है, जो राजस्थान और यूपी तक बहती है, ग्वालियर-चंबल अंचल की सीमा राजस्थान और उत्तर प्रदेश से लगती है. राजनीतिक दृष्टि से यह अंचल प्रदेश का अहम अंचल माना जाता है. क्योंकि यह क्षेत्र राजे-रजवाड़ों की भूमि रही है, जिसका दखल आज भी प्रदेश की सियासत में देखने को मिलता है. 

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मध्य भारत 
जिस तरह मध्य प्रदेश बिल्कुल देश के बीचो-बीच बसा है, ठीक उसी तरह मध्य भारत अंचल मध्य प्रदेश के बीचो बीच आता है. प्रदेश की राजधानी भोपाल इसी अंचल में आती है, जो न केवल इस अंचल का केंद्र है बल्कि प्रदेश की भी पूरी गतिविधि यही से चलती हैं. इस जोन में 2 संभाग और 8 जिले आते हैं, जिनमें भोपाल, सीहोर, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, नर्मदापुरम, बैतूल और हरदा जिले आते हैं, इस अंचल में नर्मदा नदी का महत्व बेहद माना जाता है, सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टि बेहद अहम माना जाता है, इस राज्य की सीमाएं महाराष्ट्र और राजस्थान से लगती हैं. 

विंध्य 
विंध्य अंचल प्रदेश का पांचवा सबसे बड़ा अंचल है, जिसे बघेलखंड भी कहा जाता है, यहां मुख्य रूप से बघेली बोली का इस्तेमाल होता है. रीवा और सतना शहर इस अंचल के केंद्र माने जाते हैं. इस जोन में 2 संभाग और 7 जिले जिनमें रीवा, सतना, सीधी, सिंगरोली, शहडोल, उमरिया और अनूपपुर आते हैं. प्रदेश की जीवनदायनी नर्मदा नदी का उद्गगम इसी जिले से हुआ है. इस अंचल की सीमा उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ से लगती है. 

बुंदेलखंड 
मध्य प्रदेश का बुंदेलखंड अंचल प्रदेश का सबसे छोटा अंचल माना जाता है. जहां मुख्य रूप से बुंदेली बोली का इस्तेमाल होता है. बुंदेलखंड अंचल अपनी सभ्यता के लिए पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध हैं. सागर शहर बुंदेलखंड अंचल का मुख्यालय माना जाता है, इस अंचल में एक संभाग और 6 जिले आते हैं, जिनमें सागर, दमोह, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना और निवाड़ी शामिल हैं. मध्य प्रदेश का 52वां जिला निवाड़ी इसी अंचल में बना है. इस अंचल की सीमा उत्तर प्रदेश से लगती है.

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