संतों ने उठाई आवाज! पुराने आदेशों का हो पालन, उज्जैन में दुकानों और होटलों पर नाम-पता लिखना जरूरी
MP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में बड़ा फैसला लिया है. जहां कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानों के संचालक या मालिक को अपनी पहचान यानी अपना नाम लिखना होगा. लेकिन उज्जैन में यूपी जैसा आदेश पहले से ही लागू है, इसका पालन न होने पर संतों ने आवाज उठाई है.
Ujjain News: मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में नगर निगम ने 1 साल पहले एक आदेश जारी किया था जिसमें दुकानों और होटलों पर मालिक का नाम और संपर्क नंबर लिखना अनिवार्य कर दिया गया था. धार्मिक नगरी में धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए यह नियम बनाया गया था. लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी इस नियम का पालन नहीं हो रहा है. अब इस मुद्दे पर धर्मगुरुओं ने आवाज़ उठाई है और नगर निगम से इस नियम को सख्ती से लागू करने की मांग की है.
उज्जैन में उत्तरप्रदेश जैसा आदेश पहले से लागू
दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों को दुकानों में अपना नाम और विवरण लिखने का आदेश दिया है. ऐसा ही आदेश उज्जैन नगर निगम ने एक साल पहले दिया था, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी नगर निगम के अधिकारियों ने इस पर अमल नहीं किया है. इस मुद्दे पर धर्मगुरुओं ने आवाज उठाई है और नगर निगम से इस नियम को सख्ती से लागू करने की मांग की है. महापौर मुकेश टटवाल ने कहा है कि श्रावण मास में इस नियम का सख्ती से पालन कराया जाएगा.
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संतों ने उठाई आवाज
बता दें कि 9 अगस्त साल 2023 को नगर निगम की राजस्व समिति की बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया था. कहा गया था कि दुकानदारों को दुकान के सामने अपना नाम और मोबाइल नंबर स्पष्ट शब्दों में लिखना चाहिए. ऐसा न करने वालों के खिलाफ एफआईआर का भी प्रावधान था. इस बारे में नगर निगम कमिश्नर का कहना है कि इसका नोटिफिकेशन जारी हो चुका है. जल्द ही इस पर अमल शुरू हो जाएगा.
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श्रद्धालुओं के साथ धोखा नहीं होना चाहिए- महामंडलेश्वर
वहीं महामंडलेश्वर आचार्य शेखर ने कहा कि श्रद्धालुओं के साथ धोखा नहीं होना चाहिए. श्रद्धालु खुद को सनातनी समझकर होटल में खाना खा रहा है और पता चलता है कि पैसा यूसुफ भाई के खाते में चला गया. कई जगहों पर नॉनवेज के साथ वेज भी परोसा जाता है. उन्होंने कहा कि कई लोग ऐसे हैं जो हिंदू नाम लिखकर कारोबार कर रहे हैं. श्रावण मास पवित्र होता है, इसलिए जरूरी है कि श्रद्धालुओं का संकल्प टूटे नहीं और सभी दुकानदार और होटल संचालक अपने होटल के बाहर बोर्ड पर अपना नाम नंबर लिखें, ताकि उनकी पहचान हो सके.
रिपोर्ट- राहुल राठौर