Mahashivratri 2024: आज दोपहर में होगी बाबा महाकाल की भस्म आरती, साल में सिर्फ एक बार दिखेगा ये नजारा, जानिए परंपरा
Advertisement

Mahashivratri 2024: आज दोपहर में होगी बाबा महाकाल की भस्म आरती, साल में सिर्फ एक बार दिखेगा ये नजारा, जानिए परंपरा

Ujjain Mahakal Mandir:  उज्जैन नगरी में बाबा महाकाल के दर्शन के लिए हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. इस बार भी महाशिवरात्रि पर लाखों लोगों ने दर्शन किए. वहीं साल में एक बार दिन में यहां भस्म आरती होती है. जो आज होने वाली है.

 

Mahashivratri 2024: आज दोपहर में होगी बाबा महाकाल की भस्म आरती, साल में सिर्फ एक बार दिखेगा ये नजारा, जानिए परंपरा

उज्जैन: उज्जैन में महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही उत्साह के साथ मनाया गया.  देश के कोने-कोने में शिवभक्ति और आस्था के अनुपम रंग देखने को मिल रहे हैं.  शुक्रवार रात 2:30 बजे पट खुलने के बाद से रात 10 बजे तक 7 लाख 35 हजार भक्तों ने दर्शन किए. वहीं दर्शनार्थियों के आने का सिलसिला जारी है. अनुमान जताया जा रहा है ये संख्या बढ़कर 12 लाख पहुंच सकती है. वहीं मंदिर प्रशासन ने दावा किया है कि सिर्फ 45 मिनट में भक्तों को बाबा महाकाल के दर्शन हो रहे हैं.

आज दोपहर में होगी भस्मार्ती
गौरतलब है कि बाबा महाकाल की भस्म आरती प्रतिदिन सुबह  4 बजे की जाती है, लेकिन साल में सिर्फ एक ही दिन ऐसा होता है, जब महाकाल की भस्म आरती का समय 4 बजे से बदलकर दोपहर 12 बजे होता है. आज बाबा महाकाल की भस्म आरती दोपहर 12 बजे होगी.  इसके बाद जो 11 बर्ह्माण शिव नवरात्रि के दौरान नौ दिवसीय व्रत रखते हैं, वह इस व्रत का समापन करते हैं. उसी के पश्चात शिव नवरात्रि का समापन होता है. 

दरअसल बीते दिन देर शाम 07 बजे से 10 बजे तक कोटितीर्थ कुण्ड के तट पर विराजित श्री कोटेश्वर महादेव का पूजन, सप्तधान्य अर्पण, पुष्प मुकुट श्रृंगार (सेहरा) के उपरान्त आरती की गई. रात 11 बजे से सम्पूर्ण रात्रि 09 मार्च सुबह 06 बजे तक भगवान श्री महाकालेश्वर जी का महाअभिषेक पूजन श्रृंगार किया गया. जिसमें एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ व विभिन्न मंत्रो के माध्यम से 11 ब्राह्मणों द्वारा देवादिदेव भगवान श्री महाकालेश्वर जी का अभिषेक किया गया.

उसके बाद भस्म लेपन, विभिन्न प्रकार के पांच फलों के रसों से अभिषेक, पंचामृत पूजन (101 लीटर दूध, 31 किलो दही, 21 किलो खांडसारी , 21 शहद, 15 किलो घी) से अभिषेक, गंगाजल, गुलाब जल, भांग आदि के साथ केसर मिश्रित दूध से अभिषेक किया जा रहा है. अभिषेक उपरांत भगवान को नवीन वस्त्र धारण कराये जाकर सप्तधान्य का मुखारविंद धारण कराया जायेगा.जिसके बाद सप्तधान्य अर्पित किया जाएगा. जिसमें चावल, खडा मूग, तिल, मसूर, गेहू, जव, साल, खड़ा उडद सम्मिलित रहेंगे.

बाबा को बांधा जाएगा सेहरा
श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर का श्रृंगार कर पुष्प मुकुट (सेहरा) बांधा जाएगा. भगवान श्री महाकालेश्वर जी को चंद्र मुकुट, छत्र, त्रिपुंड व अन्य आभूषणों से श्रृंगारित किया जायेगा. भगवान पर न्योछावर नेग स्वरुप चांदी का सिक्का व बिल्वपत्र अर्पित की जायेगी. श्री महाकालेश्वर भगवान की सेहरा आरती की जायेगी व भगवान को विभिन्न मिष्ठान्न, फल, पञ्च मेवा आदि का भोग अर्पित किये जाएंगे.

सेहरा दर्शन के बाद वर्ष में एक बार दिन में 12 बजे होने वाली भस्मार्ती होगी. भस्मार्ती के बाद भोग आरती होगी व शिवनवरात्रि का पारणा किया जायेगा.  09 मार्च को सायं पूजन, श्रृंगार, सायं आरती व शयन आरती के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर जी के पट मंगल होंगे. इस दौरान श्री महाकालेश्वर भगवान पट लगभग 44 घण्टे खुले रहेंगे.

रिपोर्ट - राहुल सिंह राठौड़

Trending news