श्योपुर/अजय राठौर: नामिबिया से लाए गए नर चीता पवन फिर से खुली हवा में सांस लेने लगा है. रविवार देर शाम उसे कूनो नेशनल पार्क के जंगल में छोड़ा गया, जिसके बाद एक बार फिर पवन खुले जंगल में दौड़ लगा रहा है. कई बार पार्क की सीमा लांघकर भाग चुके पवन को बेड़े में बंद कर दिया गया था, जिसके बाद  अब उसे छोड़ दिया गया है. कुछ समय पहले ही मादा चीता आशा को भी जंगल में छोड़ा गया था. 


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उत्तर प्रदेश की सीमा तक पहुंच गया था पवन
पवन को जब पार्क में छोड़ा गया था, तब उसे पार्क से ज्यादा आसपास का इलाका ज्यादा भाने लगा था. कई बार वह पार्क की सीमा लांघकर शिवपुरी पहुंच चुका था. इसके अलावा वह  उत्तर प्रदेश की सीमा तक पहुंच गया था. तब विशेषज्ञों की टीम ट्रेंकुलाइज कर उसे MP और UP के बोर्डर से वापस कूनो लाई थी और फिर पवन की सुरक्षा को देखते हुए उसकी आजादी छीन ली गई और बड़े बाड़े में बंद कर दिया गया था.


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एक महीने बाद हुआ आजाद
स्टेयरिंग कमेटी के सदस्यों के कूनो दौरे के दौरान कमेटी के सदस्यों के सुझाव के एक माह बाद पवन को बड़े बाड़े से आजाद कर दिया गया है. बाड़े का गेट खुलते ही खुले जंगल में दौड़ लगा दी. नामीबिया से पवन को लाने के बाद 21 मार्च को पहली बार जंगलों में छोड़ा गया था, लेकिन उसकी चंचलता के कारण और उसकी सुरक्षा के लिए 25 अप्रैल को बड़े बाड़े में बंद कर दिया गया था. 


आशा को किया गया था रिलीज
हाल ही में मादा चीता आशा को भी बड़े बाड़े से रिलीज कर खुले जंगलों में छोड़ा गया था. अब कूनो के खुले जंगल में घूमने वाले चीतों की संख्या 10 हो गई है, जबकि 7 चीते अभी बड़े बाड़ों में हैं.