Bhind Crime: भिंड में दुष्कर्म के आरोपी की गोली मारकर हत्या, जेल से बेल पर आया था बाहर
भिंड जिले में दुष्कर्म के आरोपी की संदिग्ध परिस्थिति में गोली लगने से मौत हो गई. आरोपी कुछ ही दिन पहले जेल से जमानत पर बाहर आया था. इसके अलावा भिंड जिले से एक और बड़ी खबर सामने आई है, जहां शासकीय कर्मचारी ने सहकर्मी पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए फांसी के फंडे से झूलकर आत्महत्या कर ली.
प्रदीप शर्मा/भिंड: लहार इलाके में संदिग्ध परिस्थिति में गोली लगने से युवक की मौत (Death) हो गई, मृतक युवक दुष्कर्म का (Rape Accused) आरोपी था और कुछ ही दिन पहले जमानत पर छूटकर जेल से बाहर आया था. मृतक युवक की डेड बॉडी अपने घर से बाहर 100 मीटर की दूरी पर खेतों में पड़ी मिली. पास ही उसके कट्टा और कारतूस भी बरामद हुआ है, घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने एफएसएल टीम को मौके पर बुलाकर जांच शुरू कर दी है. फिलहाल शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम (Post Mortem) के लिए लहार अस्पताल भिजवाया है, पुलिस अब हत्या और आत्महत्या दोनों एंगल से जांच कर रही है.
जानिए पूरा मामला
दरअसल लहार थाना इलाके के किशवगढ़ गांव के रहने वाले सरनाम सिंह राजावत के घर के पास गोली चलने की आवाज सुनते ही आसपास के लोग एकत्रित हो गए. जब खोजबीन की तो पास ही के खेत में सरनाम के बेटे सोनू की खून से लथपथ डैडी बॉडी पड़ी हुई थी, जिसकी गोली लगने से मौत हो गई थी, और डेड बॉडी की पास ही कट्टा और कारतूस पड़ा हुआ था, पुलिस की माने तो सोनू दुष्कर्म का आरोपी था और कुछ ही दिन पहले जमानत पर छूटकर बाहर आया था. तभी से वह डिप्रेशन में था, लेकिन फिर भी पुलिस हत्या और आत्महत्या दोनों एंगल से घटना की जांच कर रही है.
शासकीय लोक अभियोजन कर्मचारी ने की आत्महत्या
भिंड मैं शासकीय कर्मचारी ने अपने घर में फांसी के फंदे पर झूल कर आत्महत्या कर ली. आत्महत्या से पहले मृतक ने सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें उसने अपने सहकर्मी पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए आत्महत्या के लिए उसे जिम्मेदार बताया है. बता दें कि भिंड के स्वतंत्र नगर में रहने वाले बृजेंद्र सिंह भदोरिया की दो बेटों में से छोटे बेटे गौरव भदौरिया की 2017 में लोक अभियोजन विभाग में बातोर क्लर्क मुरैना जिले में नियुक्ति हुई थी. लेकिन कुछ ही समय बाद उसका ट्रांसफर भिंड हो गया गौरव भदौरिया भिंड अपने ग्रह नगर मैं नौकरी करने पर काफी खुश था. लेकिन खुशी ज्यादा समय टिकी नहीं रह सकी. उसकी खुशी समय काफूर हो गई, जब उसके सहकर्मी भारत सिंह बघेल काम को लेकर लगातार दवाव बनाने लगा और उसके काम में लगातार कमियां निकालते हुए प्रताड़ित करने लगा. प्रताड़ना से तंग आकर गौरव भदौरिया ने कई बार पिता से नौकरी छोड़ने के लिए भी बोला, पिता ने किसी नेता से बात कर मामले को सुल्टाने का बेटे से वादा भी किया. लेकिन सहकर्मी भारत सिंह बघेल की प्रताड़ना दिन प्रति दिन में बढ़ती गई और हद तब हो गई जब उसने कमियों को निकालकर फांसी पर झूल कर मर जाने की नसीहत देने लगा. आखिरकार सहकर्मी प्रताड़ना से परेशान होकर गौरव भदोरिया ने फांसी के फंदे पर झूल कर अपने जीवन लीला को समाप्त कर लिया.