Damoh Vidhan Sabha Seat: बुंदेलखंड अंचल की इस विधानसभा सीट पर 2018 में सबसे कड़ा मुकाबला हुआ था. यहां कांग्रेस ने बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाई थी.
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Damoh Vidhan Sabha Seat: मध्य प्रदेश में 2018 का विधानसभा चुनाव बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर का रहा था, जहां कई सीटों पर देर रात तक नतीजें आए थे, इनमें दमोह विधानसभा सीट भी शामिल थी, जहां बीजेपी और कांग्रेस में कांटे का मुकाबला देखने को मिला था. दमोह विधानसभा सीट बीजेपी का दुर्ग मानी जाती थी, लेकिन 2018 में कांग्रेस ने इस दुर्ग में सेंध लगा दी थी. बाद में इस सीट पर 2021 में उपचुनाव भी हुए थे, इस बार भी बाजी कांग्रेस ने ही मारी थी.
दमोह का सामाजिक ताना बाना
दमोह विधानसभा सीट शहरी और ग्रामीण इलाकों में बंटी है. इस सीट पर ओबीसी और एससी वोटर्स मुख्य भूमिका में रहते हैं. इसके अलावा जैन, ब्राह्मण, यादव और मुस्लिम मतदाता भी प्रभाव छोड़ते हैं. हालांकि दमोह में जातिगत समीकरण ज्यादा मायने नहीं रखते हैं, यहां पर प्रत्याशी ही मायने रखता है. 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद से यह सीट चर्चा में जरूर रही है.
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2018 में ऐसा था वोटर्स का समीकरण
बात अगर दमोह के वोटर्स की जाए तो 2018 के विधानसभा चुनाव में दमोह में 2 लाख 31 हजार 546 वोटर्स थे, जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 21 हजार 551 थी, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 15 हजार 455 थी.
दमोह विधानसभा सीट का राजनीतिक समीकरण
दमोह विधानसभा सीट का राजनीतिक समीकरण भी अहम माना जाता है. कभी कांग्रेस का गढ़ रही यह सीट 1990 के विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के किले में तब्दील हो गई थी. लेकिन 2018 में एक बार फिर कांग्रेस ने यहां वापसी की थी. दमोह सीट पर अब तक 16 विधानसभा चुनावों में से 8 बार कांग्रेस और 6 बार बीजेपी को जीत मिली है, जबकि दो बार निर्दलीय प्रत्याशी को जीत मिली है.
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दमोह में अब तक विधायक
दमोह में 2018 का परिणाम
दमोह विधानसभा सीट पर बीजेपी ने 2018 में 6 बार से लगातार विधायक चुने जा रहे हैं सीनियर नेता जयंत मलैया को ही मैदान में उतारा था, जबकि कांग्रेस ने युवा चेहरे राहुल सिंह लोधी पर दांव लगाया था. जयंत मलैया को 78,199 वोट मिले थे, जबकि राहुल सिंह लोधी को 78,997 वोट मिले थे, कांटे की टक्कर में राहुल सिंह लोधी ने 798 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. जिससे यहां पिछले 28 सालों से चला रहा बीजेपी की जीत का सिलसिला थम गया था.
बाद में राहुल सिंह लोधी विधायक पद से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे, जहां 2021 में उपचुनाव हुआ था, लेकिन उपचुनाव में भी कांग्रेस के अजय टंडन ने बीजेपी के राहुल सिंह लोधी को बड़े अंतर से हराया था. ऐसे में इस सीट पर अभी कांग्रेस का ही कब्जा है.
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