MP हाईकोर्ट ने बांग्लादेश-सऊदी अरब एम्बेसीस को जारी किया नोटिस, 4 सप्ताह में जवाब देने को कहा, जानिए पूरा मामला?
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2323296

MP हाईकोर्ट ने बांग्लादेश-सऊदी अरब एम्बेसीस को जारी किया नोटिस, 4 सप्ताह में जवाब देने को कहा, जानिए पूरा मामला?

MP News: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ ने अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले एक विदेशी नागरिक की याचिका पर बांग्लादेश और सऊदी अरब दूतावासों को नोटिस जारी किया है.

MP High Court

MP High Court: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) ने भारत में अवैध प्रवेश के आरोप में हिरासत में लिए गए विदेशी युवक अहमद अलमक्की के मामले में बांग्लादेश और सऊदी अरब के दूतावासों को नोटिस जारी किया है. 2014 से जेल में बंद अलमक्की का दावा है कि पुलिस और प्रशासन ने उसे उसकी सजा से परे अवैध रूप से हिरासत में रखा है.

Indore News: बैंक अधिकारी से 17 लाख की साइबर ठगी, महिला को कर दिया हाउस अरेस्ट, जानें पूरा मामला?

बता दें कि शुरुआत में बांग्लादेशी और बाद में सऊदी अरब के नागरिक के रूप में पहचाने जाने के बावजूद, उसकी नागरिकता सत्यापित (Citizenship Verified) नहीं है. अदालत ने उसकी राष्ट्रीयता का पता लगाने के लिए दोनों दूतावासों से जवाब मांगा है.

जानें पूरा मामला?
दरअसल, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ ने भारत में प्रवेश करने वाले एक विदेशी नागरिक को लेकर अहम जानकारी मांगी है. इस व्यक्ति द्वारा दायर याचिका के आधार पर सऊदी अरब और बांग्लादेश के दूतावासों को नोटिस जारी किए गए हैं, जिसे ग्वालियर पुलिस ने 2014 में गिरफ्तार किया था. याचिकाकर्ता ने पुलिस और प्रशासन पर उसे अवैध रूप से हिरासत में रखने का आरोप लगाया है.

बता दें कि 21 सितंबर, 2014 को ग्वालियर के पड़ाव थाने ने स्टेशन बजरिया क्षेत्र में अलमक्की नामक एक विदेशी नागरिक को पकड़ा गया. साक्ष्यों से उसकी विदेशी नागरिकता और भारत में अवैध प्रवेश की पुष्टि हुई. अदालत ने उसे 22 अगस्त, 2015 को तीन साल के कारावास की सजा सुनाई. 2017 में अपनी सजा पूरी करने के बाद, वह अपने प्रत्यावर्तन के बारे में अनिश्चितताओं (uncertainties about repatriation) के कारण अतिरिक्त नौ महीने ग्वालियर सेंट्रल जेल में रहा. मिली जानकारी के अनुसार, जेल की अवधि समाप्त होने के बाद, अलमक्की को ग्वालियर के एक हिरासत केंद्र में रखा गया था. 

चकमा देकर भाग गया
12 जून, 2018 को वह सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर भागने में सफल रहा और बाद में 23 जून, 2018 को हैदराबाद में पकड़ा गया. नतीजतन, उसे भागने के लिए अतिरिक्त आरोपों का सामना करना पड़ा और 2021 में उसे तीन साल की सजा मिली. हिरासत के दौरान, अलमक्की ने पुलिस और प्रशासन पर अवैध हिरासत का आरोप लगाते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (habeas corpus petition) दायर की.

बांग्लादेशी या सऊदी अरब?
अलमक्की के पास मिले दस्तावेजों में सऊदी अरब का ड्राइविंग लाइसेंस और बांग्लादेशी पासपोर्ट शामिल है. शुरुआत में, उसने बांग्लादेशी नागरिक होने का दावा किया, लेकिन बाद में उसने दावा किया कि वह सऊदी अरब से है. इसी के चलते उसकी वास्तविक राष्ट्रीयता के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए, ग्वालियर उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने सऊदी अरब और बांग्लादेश के दूतावासों को नोटिस जारी किया है, जिसमें अलमक्की के मूल देश का पता लगाने के लिए जानकारी मांगी गई है. अदालत ने दूतावासों को जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है.

Trending news