MP के इस जिले में 56 मदरसों की मान्यता रद्द! इसलिए लिया गया बड़ा फैसला
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MP के इस जिले में 56 मदरसों की मान्यता रद्द! इसलिए लिया गया बड़ा फैसला

Sheopur News: मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में 56 मदरसों की मान्यता रद्द कर दी गई है, इनमें से 54 मदरसे राज्य सरकार से अनुदान प्राप्त कर रहे थे. इसके लिए आदेश जारी कर दिया गया है. बता दें कि प्रदेश भर के जिला शिक्षा अधिकारियों को मदरसों की जांच के निर्देश दिए गए हैं.

 

MP के इस जिले में 56 मदरसों की मान्यता रद्द! इसलिए लिया गया बड़ा फैसला

Bhopal News: मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. यहां 56 मदरसे ऐसे पाए गए हैं जो संचालित नहीं हो रहे हैं. इनमें से 54 मदरसे राज्य सरकार से अनुदान प्राप्त करते थे. इस पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड ने इन सभी मदरसों की मान्यता रद्द कर दी है. बोर्ड ने राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को अपने जिलों में संचालित सभी मदरसों की जांच करने के निर्देश दिए हैं. जो मदरसे राज्य सरकार के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी. साथ ही ऐसे मदरसों को दी जाने वाली सरकारी सहायता भी बंद कर दी जाएगी.

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 श्योपुर में 56 मदरसों की मान्यता रद्द!
दरअसल,  मध्य प्रदेश के श्योपुर में 56 मदरसे पूर्ण रूप से संचालित नहीं पाये गये है. एमपी मदरसा बोर्ड ने इन सभी की मान्यता रद्द कर दी है. इसके लिए आदेश जारी कर दिया गया है. चौंकाने वाली बात यह है कि श्योपुर में बंद किए गए 56 मदरसों में से 54 ऐसे मदरसे थे, जिन्हें राज्य सरकार से अनुदान मिल रहा था. मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड के सचिव के मुताबिक, मदरसों की जांच के निर्देश प्रदेश भर के जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए गए हैं. निर्देश में कहा गया है कि इस बात की जांच करें कि राज्य सरकार के नियमों का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है. जो मदरसे राज्य सरकार के नियमों के मुताबिक नहीं चल रहे हैं, उनकी मान्यता रद्द करने का प्रस्ताव मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड को भेजा जाए. ऐसे मदरसों को स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से दी जाने वाली मदद तुरंत बंद की जाए.

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स्कूल शिक्षा मंत्री ने जारी किए निर्देश
स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने मध्य प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने क्षेत्र के सभी शैक्षणिक संस्थानों का मैदानी निरीक्षण करें. और यह सुनिश्चित करें कि स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को राज्य सरकार की विभागीय योजनाओं का लाभ मिले तथा विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी मिले.

कांग्रेस ने लगाया आरोप
वहीं इस मामले पर कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि मदरसे चल नहीं रहे हैं और पैसे का गबन हो रहा है. यह बहुत बड़ा घोटाला है, तत्कालीन मंत्री और शिक्षा विभाग के ज़िम्मेदार लोगों का घोटाला है. तत्कालीन शिक्षा मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए.

 

रिपोर्ट- राहुल राठौर

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