न खाना, न पैसा...MP के शिवपुरी से आजाद कराए गए छत्तीसगढ़ के 8 मजदूर, नाबालिग भी हैं शामिल
MP News: मध्य प्रदेश के शिवपुरी में प्रशासन ने छत्तीसगढ़ के 8 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया है, ये बोरवेल मशीन पर काम कर रहे थे, इन्हें न तो पैसे दिए जा रहे थे और न ही पर्याप्त खाना दिया जा रहा था.
MP News: मध्य प्रदेश के शिवपुरी से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. बता दें कि यहां पर प्रशासन ने छत्तीसगढ़ के 8 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया है, इसमें 4 नाबालिग भी शामिल हैं. मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि शिवपुरी के सिरसौद थाना क्षेत्र के मानिकपुर गांव में बोरवेल मशीन पर काम कर रहे थे, जिन्हें न तो सही से मेहनताना दिया जा रहा था और न ही खाना, जिसकी वजह से इन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था.
कराए गए आजाद
शिवपुरी के सिरसौद थाना क्षेत्र के मानिकपुर गांव में प्रशासन ने छत्तीसगढ़ के 8 बंधुआ मजदूरों को बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराया है, मिली जानकारी के अनुसार ये मजदूर बोरवेल मशीन पर काम कर रहे थे और उन्हें न तो उचित वेतन दिया जा रहा था और न ही पर्याप्त भोजन दिया जा रहा था. बता दें कि मुक्त किए गए मजदूरों में चार नाबालिग भी शामिल हैं, जिनकी उम्र 15 से 16 वर्ष के बीच है.
मजदूरों को छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से ग्वालियर लाकर बोरवेल मशीनों पर काम कराया जा रहा था, पहले उन्हें भिंड और ग्वालियर में काम कराया गया था और तीन दिन पहले शिवपुरी लाया गया था, मजदूरों ने बताया कि उन्हें काम के बदले पूरे पैसे नहीं दिए गए थे.
इस संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी की निर्देश पर एसडीएम उमेश कौरव, पुलिस और लेबर इंस्पेक्टर आशीष तिवारी ने मानिकपुर गांव में छापा मारा और मजदूरों को मुक्त कराया, इसे लेकर एसडीएम ने बताया कि ठेकेदार और उसके सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है और मजदूरों को छत्तीसगढ़ लौटने की व्यवस्था की जा रही है.
अन्य मामला
हाल में ही छत्तीसगढ़ के मोहला मानपुर अंबागढ़ से ऐसी ही एक खबर सामने आई थी. बता दें कि यहां के 32 मजदूरों को महाराष्ट्र में बंधक बनाया गया था, जिसके बाद परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. मिली जानकारी के अनुसार पता चला था कि मजदूरों के परिजन जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर एसपी- कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था और बंधकों को छुड़ाने की गुहार लगाई थी.
रिपोर्ट- पूनम पुरोहित