MP News: हमारे देश में लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह के काम हो रहे हैं. सरकार लोगों को आधुनिकता से जोड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. लेकिन मध्य प्रदेश के डिंडोरी से फिर से ग्रामीण आदिवासी इलाके से अंधविश्वास का मामला सामने आया है. यहां पर एक महिला को सांप ने काट लिया, जिसके बाद उसे हॉस्पिटल ले जाया गया, यहां महिला की हालत खराब होने के बाद उसे झाड़फूंक के लिए ले गए लगातार तबीयत बिगड़ता देख उसे फिर से हास्पिटल ले जाया गया जहां पर जबलपुर रेफर कर दिया गया है. जानिए कैसे हुआ अंधविश्वास. 


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क्या है मामला
पूरा मामाला डिंडोरी जिले का है. मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि यहां के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले अधिकांश आदिवासियों में अंधविश्वास की वजह से सर्प दंश के शिकार मरीजों का डाक्टरी इलाज की बजाय झाड़फूंक कराने पहुंच जाते हैं और यही वजह है कि गुनिया पंण्डो से झाडफूंक के चक्कर में जान तक गवानी पड़ती है. ऐसे ही तितराही गांव में सर्प दंश की शिकार एक महिला को परिजनों ने इलाज के लिए जिला अस्पताल में एडमिट करवाया. 


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महिला की हालत ज्यादा ख़राब होने पर परिजनों को डाक्टरों ने जबलपुर ले जाने की सलाह दी लेकिन परिजन मरीज को जबलपुर न ले जाकर क्यूटी गांव के शिव मंदिर लेकर पहुंच गए. जहां सांप का जहर उतारने वाले गांव के चार - पांच पंडे घंटो तक महिला को झाड़फूंक करते रहे. इतना ही नही पंडो ने महिला के शरीर से झाड फूंक के लिए एक बाबा से मोबाईल पर मन्त्रोंपचार भी कराया.


इसके बाद जब महिला की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ तो परिजन उसे फिर अस्पताल लेकर पहुंचे जहां हालत बिगड़ने पर डाक्टरों ने उसे जबलपुर रेफर कर दिया. डॉक्टरों का कहना है सर्प दंश के मरीजों को झाड फूंक नहीं कराना चाहिए बल्कि फ़ौरन उन्हें पहले अस्पताल में दाखिल करना चाहिए ताकि उनका समय से इलाज हो सके. उधर सर्प दंश का इलाज का दावा करने बाले पंडो का कहना है कि वो अबतक अनेक मरीजों झाड़फूंक कर ठीक कर चुके हैं. बता दें कि इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं.