MP News: भोपाल टेरर फंडिंग केस में NIA की UP में रेड! आरोपियों का देश में शरीयत लागू करना था लक्ष्य
Bhopal Terror Funding Case: भोपाल टेरर फंडिंग मामले में एनआईए ने आरोपियों से जुड़े उत्तर प्रदेश के दो ठिकानों पर छापेमारी की है. जिसमें भारत में जिहाद के जरिए शरीयत लागू करने जैसी कई जानकारियां मिली हैं.
आकाश द्विवेदी/भोपाल: मध्यप्रदेश (MP News) के भोपाल (Bhopal News) से गिरफ्तार किए गए JMB के आतंकियों से जुड़े टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार को उत्तर प्रदेश में दो स्थानों पर छापेमारी की है. भोपाल से गिरफ्तार 10 आरोपियों के लिंक और साजिशों को उजागर करने के लिए छापेमारी की गई. गिरफ्तार आतंकियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर निहितार्थ वाली अवैध गतिविधियों में शामिल होने का संदेह है. बता दें कि 10 आरोपियों में से छह की पहचान बांग्लादेशी नागरिकों और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के सक्रिय सदस्यों के रूप में की गई है. इन व्यक्तियों ने बिना किसी वैध दस्तावेज के अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया था. मामले में यह पता चला है कि आरोपी देश के भीतर काम करते हुए फर्जी भारतीय पहचान दस्तावेज हासिल करने में कामयाब रहे.
कई महत्वपूर्ण सबूत किए जब्त
उत्तर प्रदेश में की गई रेड के दौरान, एनआईए ने कई महत्वपूर्ण सबूत जब्त किए, जिनमें डिजिटल उपकरण जैसे मोबाइल फोन, सिम कार्ड, बैंक पासबुक और पहचान दस्तावेज शामिल हैं. जांच वर्तमान में इन व्यक्तियों से जुड़े धन स्रोतों और लेनदेन को उजागर करने पर केंद्रित है.
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इन लोगों को बनाते थे निशाना
एनआईए की जांच से पता चला है कि सभी 10 आरोपियों ने कमजोर भारतीय मुस्लिम युवाओं को प्रभावित करने, कट्टरपंथी बनाने और देश में शासन की लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ हिंसक जिहाद में भाग लेने के लिए प्रेरित करने में भूमिका निभाई थी. इन व्यक्तियों को जेएमबी, अल-कायदा और तालिबान जैसे प्रतिबंधित संगठनों द्वारा संचालित आतंकवादी गतिविधियों के लिए समर्थन प्रदान करते हुए सक्रिय रूप से जिहादी साहित्य, भड़काऊ वीडियो और बयानों का प्रसार करते पाया गया.
कई राज्यों में बनाए थे ठिकाने
बता दें कि जांच मे यह पता चला है कि गिरफ्तार किए गए आरोपी विभिन्न आतंकवादी संगठनों के साथ गठजोड़ करने की साजिश रच रहे थे. उनका अंतिम उद्देश्य हिंसक तरीकों से भारत में शरीयत आधारित इस्लामी शासन स्थापित करना था. इन आरोपियों ने सह-आरोपियों के साथ, जांच में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल और असम सहित कई राज्यों में इन्होंने ठिकाने बनाये थे.