विवाद के बाद निर्वाचन आयोग ने सफाई देते हुए कहा था कि बड़ी संख्या में केंद्रीय कर्मचारियों की ड्यूटी मतदान के दौरान लगाई गई थी लेकिन हाईकोर्ट के निर्देश के बाद केंद्रीय कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से हटाना पड़ा था.
Trending Photos
आकाश द्विवेदी/भोपालः नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण में मतदान पर्ची को लेकर काफी विवाद हुआ है. बीजेपी ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत भी की है. जिसके बाद मतदान पर्ची और मतदाता सूची को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग सख्त दिखाई दे रहा है. बता दें कि चुनाव आयोग ने निकाय चुनाव के दूसरे चरण में शत-प्रतिशत मतदान पर्ची का वितरण करने के निर्देश दिए हैं.
निर्वाचन आयोग पर लगे ये आरोप
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने सभी कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश देकर शत प्रतिशत मतदान पर्ची का वितरण करने का निर्देश दिया है. आयुक्त ने ये भी कहा है कि मतदाता पर्ची का वितरण करने के बाद आयोग को सूचित भी करना होगा. बता दें कि बीजेपी ने चुनाव आयोग पर मतदाता पर्चियों का सही तरह से वितरण नहीं करने, वोटर लिस्ट में मतदाताओं के नाम नहीं होने का आरोप लगाया था. साथ ही बीजेपी का ये भी आरोप है कि मतदाताओं के बूथ बदले गए, जिसके चलते मतदाताओं को वोट डालने के लिए भटकना पड़ा और इसके चलते काफी लोग वोटिंग नहीं कर पाए.
निर्वाचन आयोग ने दी सफाई
बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य निर्वाचन आयोग से मिलकर शिकायत भी की थी. विवाद के बाद निर्वाचन आयोग ने सफाई देते हुए कहा था कि बड़ी संख्या में केंद्रीय कर्मचारियों की ड्यूटी मतदान के दौरान लगाई गई थी लेकिन हाईकोर्ट के निर्देश के बाद केंद्रीय कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से हटाना पड़ा और उनकी जगह नए कर्मचारी तैनात किए गए. इसके चलते असमंजस की स्थिति बनी.
राजधानी भोपाल में निकाय चुनाव के दौरान सबसे कम वोटिंग हुई. ऐसे में अब भोपाल जिला प्रशासन इस बात की जांच में जुट गया है कि मतदाता पर्ची क्यों नहीं बंटी? 2160 बीएलओ पर बूथवार मतदाता पर्ची बांटने की जिम्मेदारी थी. आरोप है कि 25-30 फीसदी बीएलओ ने ही मतदाता पर्चियां बांटी.
बता दें कि निकाय चुनाव के दूसरे चरण का मतदान 13 जुलाई को होना है. दूसरे चरण में 214 नगरीय निकायों में मतदान होना है. इनमें 5 नगर पालिका निगम, 40 नगर पालिका परिषद और 169 नगर परिषद में चुनाव होना है.