एमपी पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है. इस बीच सरकार ने कुछ शर्तें जारी की हैं, जिन्हें प्रत्याशियों को पूरा करना जरूरी होगा, वरना उनका नामांकन रद्द हो जाएगा.
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आकाश द्विवेदी/भोपालः मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इस बीच चुनाव के लिए नामांकन करने वाले प्रत्याशियों के लिए सबसे जरूरी खबर सामने आई है. दरअसल यदि किसी प्रत्याशी का बिजली बिल बकाया है तो वह पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएगा. इसके अलावा भी सरकार ने कई शर्तें लगाई हैं, जिनके ना पूरा करने पर प्रत्याशी का नामांकन निरस्त कर दिया जाएगा.
जानिए क्या हैं शर्तें
यदि किसी प्रत्याशी के घर में टॉयलेट नहीं है तो इसकी जानकारी भी नामांकन के समय देनी होगी. बिजली बिल बकाया होने पर प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. जिला और जनपद पंचायत सदस्य का चुनाव हो या फिर पंच और सरपंच का, सभी को नामांकन के समय बिजली बिल बाकी नहीं होने का प्रमाण पत्र देना होगा. साथ ही आरक्षित वर्ग का सदस्य होने पर जाति प्रमाण पत्र देना भी जरूरी है.
इनके अलावा प्रत्याशियों को इस बात का भी शपथपत्र देना होगा कि उन्होंने पंचायत या किसी और शासकीय भूमि पर अतिक्रमण तो नहीं किया है. नामांकन पत्रों की जांच के लिए तय समय सीमा तक प्रमाण पत्र नहीं देने पर नामांकन निरस्त कर दिया जाएगा. बता दें कि पंचायत चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया सोमवार यानि कि 30 मई से शुरू हो चुकी है, जो 6 जून दोपहर 3 बजे तक चलेगी.
नामांकन पत्र ऑफलाइन मोड में ही जमा किए जा रहे हैं. राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, प्रदेश के सभी 52 जिला मुख्यालयों के साथ ही 313 विकासखंड मुख्यालयों और 2780 ग्राम पंचायत समूहों पर नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्यों के 875 पदों, जनपद पंचायत सदस्यों के 6771 पदों और सरपंच के 22921 पदों और पंचों के 363726 पदों के लिए चुनाव होंगे.
पहले चरण का चुनाव 25 जून को, दूसरे चरण का चुनाव 1 जुलाई को और तीसरे और आखिरी चरण का चुनाव 8 जुलाई को होगा. वहीं 14 और 15 जुलाई को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे.