MP Politics: लगातार 26 ट्वीट कर उमा भारती फिर चर्चा में, बयां किया दर्द तो लग गई कमेंट्स की लाइन
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MP Politics: लगातार 26 ट्वीट कर उमा भारती फिर चर्चा में, बयां किया दर्द तो लग गई कमेंट्स की लाइन

Uma Bharti Tweet: बीजेपी की फायर ब्रांड नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के एक के बाद एक किए 26 ट्वीट चर्चा में है. इसमें उन्होंने अपना दर्द बयां किया है. इसपर यूजर्स भी कई तरह के कमेंट्स कर रहे हैं. 

 

MP Politics: लगातार 26 ट्वीट कर उमा भारती फिर चर्चा में, बयां किया दर्द तो लग गई कमेंट्स की लाइन

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाले नेताओं में से एक और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती फिर सुर्खियों में आ गई है. उमा भारती के ट्वीट सुर्खियों में हैं. पहले शराबबंदी की मांग को लेकर फिर ब्यूरोक्रेसी पर बयान देकर और अब एक के बाद एक 26 ट्वीट चर्चा में है. इसमें उनका दर्द साफ छलक रहा है. उमा भारती ने अपने संन्यास जीवन से लेकर जेल जाने और उसके बाद आज की स्थिति पर खुलकर बात रखी है. इसके बाद से कई तरह के राजनीतिक कटाक्ष किए जा रहे हैं. 

6 दिसंबर की घटना को भी किया याद
बीजेपी नेत्री उमा भारती ने पहले 9 ट्वीट किए. उसमें उन्होंने बताया कैसे उनके परिवार पर भी झूठे केस लगाकर फंसाया गया. उन्होंने लिखा मेरे परिवार को झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भेजा. उन्होंने बाबरी ढांचा मामले को भी याद करते हुए कहा 6 दिसंबर की घटना हुई. अमरकंटक से अयोध्या, अयोध्या में बाबरी ढांचा गिरा, वहीं से मुझे आडवाणी जी के साथ जेल भेज दिया. जेल से बाहर आई तो दुनिया बदल चुकी थी, हमारी सरकार गिर चुकी थीं, फिर तो 1992 से 2019 तक कड़ी मेहनत एवं संघर्ष के दिन थे. मैं कभी इन बातों पर विस्तार से लिखूंगी.

देखिए उमा भारती के ट्वीट
उमा भारती प्रदेश में शराबबंदी को लेकर अक्सर मुखर नजर आती हैं. शिवराज सरकार से इस विषय पर उनका मनमुटाव भी नजर आता रहा है. तो कभी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की खुलकर तारीफ करती हैं. संगठन में अपनी गहरी पैठ रखने वाली उमा लगातार ट्वीट कर हमेशा आम जनता का ध्यान अपनी ओर खींच लेती हैं. एक बार फिर वो चर्चा में है. देखिए उनका दर्द किस तरह झलक रहा है...... 

मुझे आज अमरकंटक पहुंचना था अपरिहार्य कारणों से अभी भोपाल में हूं

पूर्णिमा के चंद्र ग्रहण के बाद अमरकंटक पहुंच जाऊंगी। 17 नवम्बर 1992 को अमरकंटक में ही मैंने संन्यास दीक्षा ली थी

मेरे गुरु कर्नाटक के कृष्ण भक्ति संप्रदाय के उड़पी कृष्ण मठ के पेजावर मठ के मठाधीश थे। मेरे गुरु श्री विश्वेश्वर तीर्थ महाराज देश के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं, सभी धर्म गुरुओं के आदर एवं श्रद्धा के केंद्र रहे
96 वर्ष की आयु में उन्होंने 2 वर्ष पूर्व देह त्याग कर कृष्ण लोक गमन किया

राजमाता विजयराजे सिंधिया के अनुरोध पर तब अविभाजित मध्यप्रदेश के अमरकंटक आकर उन्होंने मुझे संन्यास की दीक्षा प्रदान की

मेरा सन्यासी दीक्षा समारोह 3 दिन चला उसमें राजमाता जी, उस समय के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पटवा जी, मुरली मनोहर जोशी जी, भाजपा की मध्य प्रदेश की लगभग पूरी सरकार, भाजपा के देश एवं प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेता एवं संघ के सभी वरिष्ठ स्वयं सेवक दीक्षा संस्कार में उपस्थित रहे

जब भंडारा हुआ तो हजारों संत नर्मदा जी के किनारों के जंगलों से निकल कर आए एवं भोजन ग्रहण कर मुझे आशीर्वाद दिया

 

इस साल की मार्गशीर्ष माह की अष्टमी को जो कि फिर से 17 नवंबर को पड़ रही है, मेरे संन्यास दीक्षा के 30 वर्ष हो जाएंगे। मैं उस समय मेरे शरीर की आयु से 32वां वर्ष लगा हुआ था

अमरकंटक में संस्कार दीक्षा के तुरंत बाद मुझे अयोध्या में भीड़ जुटाने की जिम्मेवारी दी गई। फिर 6 दिसंबर की घटना हुई। अमरकंटक से अयोध्या, अयोध्या में बाबरी ढांचा गिरा, वहीं से मुझे आडवाणी जी के साथ जेल भेज दिया

जेल से बाहर निकले तो दुनिया बदल चुकी थी, हमारी सरकारें गिर चुकी थीं, फिर तो 1992 से 2019 तक कड़ी मेहनत एवं संघर्ष के दिन थे। मैं कभी इन बातों पर विस्तार से लिखूंगी

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