MP Politics CM Shivraj Cabinet Expansion: मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले शिवराज सरकार अपनी कैबिनेट का विस्तार कर सकती है. माना जा रहा है इसपर फैसला गुजरात चुनाव के परिणामों के बाद होगा. हालांकि, इससे पहले 19 नवंबर को विधायक दल की बैठक बुलाई गई, जिसमें नाम फाइनल हो सकते हैं.
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MP Politics CM Shivraj Cabinet Expansion: प्रमोद शर्मा/भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी सरकार में कैबिनेट की खाली जगहों का अगले महीने भर सकते हैं. हालांकि, इस संबंध में फैसला दिसंबर में गुजरात चुनाव परिणाम के बाद होने की संभावना है. इससे पहले 19 नवंबर को भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई गई है. संभावना जताई जा रही है कि इसमें विधायकों को भरोसे में लेकर 4 मंत्रियों के नामों को तय कर लिया जाएगा. फिलहाल 4 पदों के लिए 14 दावेदार शामिल हैं.
कैबिनेट की चार जगहों के लाइन में 14 विधायक
शिवराज सरकार में फिलहाल 30 मंत्री हैं. नियमों के हिसाब से 4 मंत्रियो की जगह खाली है. इन्हें भरकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने विभागों का बंटवारा कर सकते हैं. इसमें अभी PHE, जनसंपर्क, सामान्य प्रशासन, विमानन, महिला एवं बाल विकास विभाग है.
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ये विधायक मंत्री बनने की कतार में
मध्य प्रदेश में मंत्रीमंडल विस्तार से पहले एक अनार सौ बीमार जैसी स्थिति है. कई विधायक लंबे समय से मंत्री बनने की आस लगाए बैठे हैं. इसमें यशपाल सिंह सिसोदिया, सुरेंद्र पटवा, राजेंद्र शुक्ल, केदारनाथ शुक्ल, अजय विश्नोई, रामपाल सिंह, गौरीशंकर बिसेन, रमेश मेंदोला, महेंद्र हार्डिया, देवेंद्र वर्मा, संजय पाठक, प्रदीप लारिया, शैलेन्द्र जैन, गोपीलाल जाटव, राजेंद्र पांडेय का नाम शामिल है.
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विधायक दल की बैठक में निर्णायक मंथन
भाजपा ने 19 नवंबर को विधायक दल बैठक बुलाई है. इस बैठक में विधायक को कॉन्फिडेंस में लिया जा सकता है. मंथन में मंत्रियों की परफॉर्मेंस पर चर्चा हो सकती है. इसके साथ ही क्षेत्र में कमजोर स्थिति वाले मंत्रियों को विभागों मुक्त कर क्षेत्र में फोकस करने को कहा जा सकता है.
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गुजरात चुनाव परिणाम का इंतजार
सूत्र बताते है की कई मंत्रियों की अपने क्षेत्र में स्थिति ठीक नहीं है, जबकि लंबे समय से इंतजार कर रहे विधायकों को कैबिनेट में जगह नहीं मिल पा रही है. इस कारण उन्हें सरकार में स्थान देकर सामंजस्य और साधा जा सकता है. जानकारी के अनुसार, गुजरात चुनाव के नतीजों के बाद कैबिनेट में फेरबदल को लेकर ही कोई फैसला आएगा.
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क्या है विस्तार का कारण
28 सीटों में हुए उपचुनाव में तीन मंत्री चुनाव हार गए थे. इनके विभाग सीएम शिवराज के पास थे. चुनावी साल आने को है इस कारण पार्टी और सरकार मुख्यमंत्री का लोड कम करने और वेटिंग लिस्ट के विधायकों के साथ सामंजस्य बिठाने के लिए मंत्री मंडल में विस्तार करना चाहती है. इसका फायदा ये होगा की सीएम फील्ड में फोकश कर पाएंगे. इसके साथ ही प्रदेश के कुछ अन्य क्षेत्रों को सरकार में मंत्री के रूप में प्रतिनिधित्व मिल जाएगा.