मध्य प्रदेश बीजेपी में इन दिनों संगठन की चुनावी प्रक्रिया चल रही है, जिसके चलते ऊपर से लेकर नीचे तक सभी नेता लगातार चर्चा में जुटे हैं, क्योंकि इस बार कई सीनियर नेता भी जिलाध्यक्ष की दौड़ में शामिल माने जा रहे हैं, जिससे जिलाध्यक्ष पद की चयन प्रक्रिया दिलचस्प होती जा रही है. गुरुवार को भी बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में रात 11 बजे तक बैठकों का दौर चलता रहा, जहां प्रदेश संगठन चुनाव की पर्यवेक्षक सरोज पांडे, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, प्रदेश प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के बीच बातचीत का दौर चला. क्योंकि इस बार कई सीनियर नेताओं का नाम सामने आने से मशक्कत भी दिख रही है. 


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5 जनवरी को आ सकती है पहली सूची 


राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बूथ और मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया हो चुकी है, ऐसे में अब जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां 5 जनवरी तक हो सकती है, जहां पांच जनवरी को पहली लिस्ट आने की उम्मीद की जा रही है, क्योंकि जिलाध्यक्ष के बाद 15 जनवरी तक प्रदेश अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया भी पूरी होनी है. ऐसे में माना जा रहा है कि जिलाध्यक्षों के निर्वाचन के लिए रायशुमारी लगभग पूरी हो चुकी है और जल्द ही नामों का ऐलान शुरू हो जाएगा. बीजेपी एक दर्जन से ज्यादा जिलाध्यक्षों को रिपीट भी कर सकती है. 


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ये पूर्व सांसद-विधायक रेस में 


मध्य प्रदेश में इस बार खास बात यह है कि पार्टी के कई सीनियर नेता भी जिलाध्यक्ष बनने की कोशिश में दिख रहे हैं. जो नेता सांसद और विधायक रह चुके हैं वह जिलाध्यक्ष बनना चाहते हैं. इन नेताओं के लिए कई सीनियर नेता भी लॉबिंग में जुटे हैं, जैसे सागर जिले में पूर्व सांसद राजबहादुर सिंह ने भी जिलाध्यक्ष पद के लिए दावेदारी की है, उनके लिए पूर्व मंत्री और विधायक भूपेंद्र सिंह जोर लगा रहे हैं. वहीं सागर जिले के एक और विधायक हरवंश सिंह राठौर भी जिलाध्यक्ष बनने की पूरी कोशिश में जुटे हैं. हरवंश सिंह राठौर भी संगठन के जरिए दावेदीर पेश कर रहे हैं. 


इसी तरह टीकमगढ़ जिले में पूर्व विधायक राकेश गिरि भी जिलाध्यक्ष पद के लिए दावेदारी करते हुए नजर आ रहे हैं. गिरी 2023 का विधानसभा चुनाव मामूली वोटों के अंतर से हार गए थे, ऐसे में अब वह संगठन में जगह पाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं टीकमगढ़ से लगे निवाड़ी जिले में पूर्व विधायक शिशुपाल यादव भी जिलाध्यक्ष बनने की चाहत में दिख रहे हैं. इसके अलावा अन्य कई शहरों और जिलों में भी पूर्व विधायकों ने जिलाध्यक्ष पद के लिए दावेदारी की है. इसके अलावा कई वर्तमान जिलाध्यक्ष भी फिर से वापसी करना चाहते हैं. 


बता दें कि मध्य प्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव और फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में कई सीनियर नेताओं के टिकट काट दिए गए थे, ऐसे में यह नेता अब जिलाध्यक्ष बनने की चाहत लेकर फिर से संगठन में एक्टिव होना चाहते हैं. 


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