Neemuch News: मध्य प्रदेश के नीमच जिले के स्कीम नंबर 34 इलाके में एक अजीबोगरीब घटना घट रही है. सूरज ढलते ही डर का माहौल छा जाता है. लोग अपने घरों के दरवाजे बंद कर लेते हैं और अपने बच्चों को भी घरों में कैद रहने पर मजबूर कर देते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि यहां के लोग हर शाम अपने घरों में क्यों कैद हो जाते हैं, उनकी क्या मजबूरी है? आइए जानते हैं...


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जानिए पूरा मामला?
मध्य प्रदेश के नीमच में स्कीम नंबर 34 में शाम 7 बजते ही मकानों के दरवाजे बंद हो जाते हैं. वजह सांप बिच्छुओं का घर में घुस जाने का डर बना रहता है. दरअसल, नीमच में वर्षों से एक विकराल समस्या चली आ रही है जिसका नाम है जलकुंभी. पूर्व में नगर पालिका द्वारा दावा किए गए थे कि युद्ध स्तर पर इंदौर की तर्ज पर नालों से जलकुंभी हटाने का काम चलाया जाएगा और संजीवनी नालों में सफाई करवाकर यहां पर नाव चलवाई जाएगी, लेकिन आज तक यहां पर नाव तो नहीं चली. हालांकि, इन नालों में जलकुंभी जरूर चल रही है. 


लोग 7 बजे घरों का दरवाजा बंद कर लेते हैं
स्कीम नंबर 34 के रहवासियों का कहना है कि हमारे वार्ड की हालत यह है कि न तो यहां पर आज तक सड़कें बन पाई हैं और न ही गार्डन डेवलप हो सके हैं. यहां तक कि बारिश के दिनों में जलकुंभी के कारण शाम के समय नालों से जीव-जंतु निकल कर बाहर आ जाते हैं. यहां पर लोगों के घरों में सांप, बिच्छू घर में घुस आते हैं. डर की वजह से यहां के लोग 7 बजे घरों का दरवाजा बंद कर लेते हैं और बच्चों को घर में ही बंद रखना पड़ता है. 


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स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार यहां के पार्षद को इस समस्या के बारे में अवगत करवा चुके हैं, लेकिन न तो आज तक यहां पार्षद आए और न ही समस्या खत्म हुई. वार्ड की हालत यह है कि आज तक सड़कें भी नहीं बन सकी हैं. यहां के लोग वार्ड पार्षद को कोसते नजर आ रहे हैं. वहीं, इस समस्या को लेकर नगर पालिका के सभापति नालों में जगह समतल नहीं होने के कारण बता रहे हैं और अगली बार उचित कार्रवाई करवाने का आश्वासन दे रहे हैं.


रिपोर्ट: प्रीतेश शारदा (नीमच)