उज्जैन में बिजली विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां बिजली का जर्जर पोल गिरने से दो मासूमों की मौत हो गई है.
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राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: जिले के घट्टिया तहसील व थाना घट्टिया क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रलायता जहां गांव में दो बच्चों पर बिजली का खम्बा गिरने से दोनों की मौत हो गई है, घटना बुधवार की शाम 6बजे करीब की है. बच्चे घर के पास ही पोल के पास खेलते-खेलते पहुंच गए थे और अचानक हादसा हो गया, परिजन आनन-फानन में दोनों बच्चों को पास ही में घोंसला के असप्ताल ले गए, जहां से उन्हें उज्जैन रैफर किया, लेकिन उज्जैन जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दियाच
विद्युत विभाग की बड़ी लापरवाही
परिजनों ने बताया एक साल पहले भी बिजली विभाग को खम्बे के झुकने की शिकायत की थी, जिसके कागज भी उनके पास है. लेकिन कोई सुनने वाला नहीं, अब जब हादसा हुआ तो विद्युत विभाग के सब इंजीनियर सुपरवाइजर नवनीत मिरोठ व लाइन मैन मांगीलाल को हमने खबर की लेकिन उनकी भी बड़ी लापरवाही सामने आई वे सूचना के बावजूद मौके पर नहीं पहुंचे और ना ही लाइट बंद की गई.
ग्रामीणों ने दी चक्का जाम की चेतावनी
मृतकों में एक बालिका व एक बालक है. जिनके नाम निधि पिता कालू सिंह उम्र 2.5 वर्ष और दीपपाल पिता दिलीप सिंह उम्र 6 वर्ष शामिल है. दोनों का पीएम सुबह होना है, आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि अगर सुपरवाइजर और लाइनमैन के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो हम चक्का जाम करेंगे. वहीं 25-25 लाख रु दोनों के परिजनों के लिए आर्थिक मांग भी ग्रामीणों ने गुहार लगाई है. हालांकि मौके पर पहुंचे एसडीएम संजीव साहू ने परिजनों को आश्वासन दिया है कि दोषी के विरुद्ध कार्रवाई का व आर्थिक सहायता की मांग के लिए भी वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर आगे बात रखने की बात कही है. पूरे मामले की जांच प्रशासनिक व पुलिस की ओर से की जा रही है.
करणी सेना मौके पर
हादसे की सूचना लगते ही करणी सेना की टीम देर रात जिला चिकित्सालय का घेराव करने पहुंची और वहां मौजूद परिजनों से बात कर एसडीएम के सामने बात रखी करणी सेना के सदस्य शैलेंद्र सिंह झाला ने कहा कि अगर परिजनों को आर्थिक सहायता 25-25 लाख नहीं दी जाती है और दोनों लाइनमैन व सुपरवाइजर के विरुद्ध सस्पेंशन की कार्रवाई नहीं की जाती है तो सुबह ग्राम रलायता रोड पर चक्का जाम करणी सैनिकों द्वारा किया जाएगा, क्योंकि परिजनों ने 1 साल पहले भी पोल को हटाने का आवेदन दिया था बावजूद उसके ध्यान नहीं दिया गया जोकि विभाग की एक बड़ी लापरवाही है.