पीयूष शुक्ल/पन्नाः देश दुनिया में बाघों की पुनर्स्थापना के लिए विख्यात पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन एक बार फिर सुर्खियों में है. दरअसल मामला पन्ना टाइगर रिजर्व अंतर्गत अकोला बफर क्षेत्र का है जहां टाइगर रिजर्व के एक गाइड भरत यादव ने पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन पर लापरवाही करने के गंभीर आरोप लगाए हैं. गाइड भरत यादव ने एक शिकायती आवेदन पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वन मंत्री के नाम तहसीलदार को सौंपा.


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गाइड भरत ने बताया कि उसने अपने कार्य के दौरान यह पाया कि बाघिन P-234 (23) जिसने तीन शावकों को नवंबर 2020 में जन्म दिया था. जिसका एक शावक लापता है, जिसकी सूचना गाइड द्वारा मौखिक रूप से अपने वन परीक्षेत्र अधिकारी को दी गई. किंतु सूचना पर भी वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया. गाइड भरत का कहना है कि वन्य जीव प्रेमी होने के नाते उसने सोशल मीडिया में जब यह बात कहीं और इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की तो पहले तो गाईड को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. 


जब गाइड के द्वारा शावक के गायब होने के संबंध में साक्ष्य प्रस्तुत किए तो उसे पद से ही पृथक कर दिया गया. गाइड भरत का कहना है कि बाघिन पी-234 (23) के शावक गायब होने की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाने के बाद उसे पद से पृथक कर दिया गया. जबकि बाघ के शावक के गायब होने के संबंध में जांच की जानी चाहिए थी.


वहीं इस पूरे मामले में पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर उत्तम शर्मा का कहना है कि इस बाघिन के तीन बच्चे होने की पुष्टि तस्वीरों से हुई थी. जैसे-जैसे शावकों की उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे वे अपना क्षेत्र बनाते हैं. उत्तम शर्मा का कहना है कि बाघों के पीछे घूमना प्रबंधन की जिम्मेदारी नही है. प्रबंधन सिर्फ एक अनुकूलित वातावरण बाघों के लिए मुहैया करवाता है. उनका कहना है कि फिलहाल बाघ गायब जैसी कोई जानकारी उनके पास नहीं है. फील्ड डायरेक्टर ने यह भी कहा कि मामले की जांच रेंज ऑफिसर द्वारा की जा रही है.


यहां यह भी सवाल उठता है कि यदि टाइगर रिजर्व के कर्मचारी गाइड ने कोई जानकारी दी थी तो प्रबंधन ने उसकी तस्दीक करने के बजाय उसको ही नौकरी से निकाल दिया और उल्टा उसी को नोटिस जारी कर दिया कि शावक गायब होने की जानकारी तुम्हें कैसे है. गौरतलब यह भी है कि इस साल दो बाघों की मौत बीते महीने ही संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है.


बता दें कि एक साल पहले शिकारियों ने बाघों का शिकार किया था और कुल्हाड़ी से काटकर बाघ के अंग ले गए थे. ऐसी स्थिति बाघों की सुरक्षा के प्रति लापरवाही भारी पड़ सकती है. फिलहाल मामले की जांच की नितांत आवश्यकता है.


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