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Chaitra Navratri 2024: रतलाम में चैत्र नवरात्रि की धूम, मंदिरों में तैयारियां शुरू, भक्तों में भारी उत्साह

Happy Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू हो रही है. मध्यप्रदेश में देवी मंदिरों में माता रानी का सुंदर दरबार सजाया गया है. पूजन सामग्री खरीदने के लिए बाजारों में भीड़ उमड़ रही है. वहीं रतलाम में भी प्रसिद्ध माता रानी, सातरुण्डा माता, गढ़खंगयी माता और कालिका माता मंदिरों में भी नवरात्रि की तैयारियां लगभग हो चुकी हैं.

 

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नवरात्रि के नौ दिनों में माता रानी के भक्त व्रत रखते हैं और विधि-विधान से उनकी पूजा करते हैं. साथ ही कई लोग इस दौरान कलश की स्थापना करते हैं और कई लोग अखंड ज्योति भी प्रज्जवलित करते हैं. 

 

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रतलाम में श्रद्धालुओं को धूप में परेशानी न हो इसके लिए मंदिर के बाहर टेंट भी लगाए गए हैं.  इसके अलावा मंदिर में श्रंगार सजावट का काम भी चल रहा है.

 

रतलाम में प्रसिद्ध है माता रानी का मंदिर

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 रतलाम में प्रसिद्ध है माता रानी का मंदिर

आपको बता दें कि रतलाम का कालिका माता मंदिर न सिर्फ प्राचीन है बल्कि यहां नवरात्रि के दौरान दूसरे जिलों और दूसरे राज्यों से भी श्रद्धालु आते हैं. कहते है कि यहां आने से हर मनोकामना पूरी होती है. सबसे खास बात तो यह है कि यहां चैत्र नवरात्रि के दौरान गरबा की परंपरा निभाई जाती है। भक्त सुबह 4 बजे से ही मंदिर पहुंच जाते हैं और लंबी कतारें लग जाती हैं.

 

कलश स्थापना शुभ मुहूर्त

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कलश स्थापना शुभ मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार 9 अप्रैल को सुबह 6:02 से लेकर 10:16 तक कलश स्थापना का पहला मुहूर्त है. वहीं, दूसरा मूहुर्त सुबह 11:57 से दोपहर 12:48 तक है. 

 

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आप इन दोनों मुहूर्त में घटस्थापना कर सकते हैं. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है.

 

कलश स्थापना की विधि

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कलश स्थापना की विधि

नवरात्रि के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें और पूजा का संकल्प लें. इसके बाद पूजा घर में माता रानी के लिए फूल और एक चौकी रखें. फिर कलश के ऊपर आम और अशोक के पत्ते रखें.

 

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इसके बाद शुभ मुहूर्त में कलश में जल भरें और कलश पर कलावा बांधें. फिर कलश के ऊपर आम के पत्ते रखें और नारियल रखें. नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश पर स्थापित करें. इसके बाद विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा करें.