MP के सबसे प्रसिद्ध और प्राचीन माता मंदिर, जहां पूरी होती हैं हर मनोकामना

Navratri: हिन्दुओं के सबसे बड़े पर्वों में से एक शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से हो रही है. इस दौरान मां के दर्शनों के लिए मंदिरों में भक्तों की कतार लगी रहेगी. मध्य प्रदेश में मां के कई सिद्ध पीठ और प्राचीन मंदिर स्थित हैं. जहां नवरात्र में दर्शन करने से विशेष फल प्राप्त होता है.

महेंद्र भार्गव Wed, 02 Oct 2024-3:03 pm,
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मांढरे वाली माता मंदिर

मांढरे वाली माता मंदिर ग्वालियर शहर में स्थित है. इस मंदिर को ग्वालियर के तत्कालीन शासक जयाजीराव सिंधिया ने आज से लगभग 147 साल पहले बनवाया था. कंपू क्षेत्र के कैंसर पहाड़ी पर बना यह भव्य मंदिर देखने में बहुत ही आकर्षक हो और विशाल है. इस मंदिर में विराजमान अष्टभुजा वाली महिषासुर मर्दिनी मां महाकाली की प्रतिमा बहुत ही अद्भुत और दिव्य है. 

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बिजासन

इंदौर में बने इस मंदिर की बात ही अनूठी है. इसका इतिहास 1000 साल से भी पुराना है. इस मंदिर में माता के 9 स्वरूप उपस्थित हैं. पहले यहां माता की प्रतिमा चबूतरे पर थी. बाद में इसे इंदौर के तत्कालीन राजा शिवाजी राव होलकर ने 1760 में भव्य मंदिर बनवाकर माता के प्रतिमा को मंदिर में स्थापित किया था.

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सलकनपुर

सलकनपुर देवी मंदिर का देवी मंदिर मध्य प्रदेश में सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. यहां हर साल लाखों लोग देवी के दर्शन के लिए आते हैं. यह मंदिर राजधानी भोपाल के समीप ही सलकनपुर में स्थित है. यहां पहुंचने के लिए भक्तों को 1400 सीढ़ियों की लंबी चढ़ाई करनी पड़ती है. ऐसी मान्यता है कि मां अपने शरण में आए भक्तों को कभी खाली नहीं भेजती. 

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मां चामुंडा देवी मंदिर

मध्यप्रदेश के देवास में बने इस मंदिर को देवास टेकरी मां चामुंडा टेकरी, देवास माता टेकरी और देवी वैशिनी पहाड़ी के नाम से भी जाना जाता है. मध्य प्रदेश का  टेकरी अपने धार्मिक महत्व के लिए काफी प्रसिद्ध है, क्योंकि इसमें दो महत्वपूर्ण मंदिर हैं. इस मंदिर की मान्यता 52 शक्तिपीठ में से एक के रूप में होती है. 

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कंवलका माता मंदिर

कंवलका माता मंदिर रतलाम का माता मंदिर अपने आप में बहुत ही खास है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां स्थित मां कंवलका, मां काली और काल भैरव की मूर्तियां मदिरापान करती हैं. बता दें कि ये मंदिर लगभग 300 वर्ष पुराना है . भक्त माता को प्रसन्न करने के लिए मदिरा का भोग लगाते हैं.

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हरसिद्धि मंदिर

उज्जैन में स्थापित ये 51 फीट का माता मंदिर अपने- आप में बहुत ही खास है. माता का यह मंदिर जो 51 शक्तिपीठों में से एक है. यह मान्यता है कि देवी सती के शरीर को जब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से 51 भागों में काट दिया था तो मां की कोहनी यहां गिरी थी. 

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मां शारदा

पवित्र मां शारदा का यह मंदिर मध्य प्रदेश के मैहर जिले में स्थित है. इस मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को 1001 सीढ़ियों की चढ़ाई करनी पड़ती है, तब जाकर मां का दर्शन हो पाता है. इस मंदिर में मैहर माता के अलावा काली, दुर्गा, गौरी शंकर, शेष नाग,काल भैरव, हनुमान आदि भी विराजमान हैं.

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