Advertisement
trendingPhotos/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1352167
photoDetails1mpcg

New Parliament Building: मध्य प्रदेश के इस मंदिर की तर्ज पर बनी है नई संसद! पुरानी इमारत भी MP से प्रेरित

New Parliament Building: सेंट्रल विस्टा प्रोजिक्ट (Central Vista Project) के तहत बनी भारत की नई संसद का उद्घाटन हो गया है. लेकिन, क्या आपको पता है इसमें मध्य प्रदेश की एक मंदिर की झलक देखने को मिल रही है. दावा किया जा रहा है प्रोजेक्ट की डिजाइन विदिशा की विजय मंदिर (Vidisha Vijay Temple) को देखकर किया गया है.

1/6

India Parliament New building: वर्तमान संसद भवन का निर्माण भी मध्य प्रदेश के मुरैना चौसठ योगिनी मंदिर के डिजाइन के तर्ज पर हुआ है. जिसे ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस ने बनाया था. अब नए संसद भवन का निर्माण भी मध्य प्रदेश के ही एक मंदिर की तर्ज पर होने का दावा किया जा रहा है. हालांकि इसके बारे में सरकार की ओर पुष्टि नहीं की गई है.

2/6

तो जिस मंदिर की तर्ज पर नई संसद बन रही है. वो मंदिर मध्य प्रदेश के विदिशा में स्थित है. इतिहासकारों के अनुसार, विजय मंदिर देश के विशालतम मंदिरों में गिना जाता है. ये कई बार आक्रांताओं द्वारा लूटी गई है.

3/6

विजय मंदिर के ऊंचे बेस को देखकर इसका आकार और संसद की आकृति एक जैसी ही दिखाई देती है. यहां नई संसद भवन के प्रोजेक्ट और मंदिर की तस्वीर को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं.

4/6

विजय मंदिर पर कई बार तोड़ा और लूटा गया है. मोहम्मद गोरी के गुलाम अलतमश से लेकर औरंगजेब जैसे क्रूर शासकों का यह मंदिर शिकार हुआ है, लेकिन बार-बार इसका निर्माण भी करवाया गया. विजय मंदिर के पीछे चार मीनारे दिखाई देती हैं, जिसको मस्जिद का स्वरूप बनाई गई थीं.

5/6

विजय मंदिर मंदिर का निर्माण चालुक्यवंशी राजा ने विदिशा विजय को चिरस्थाई बनाने के लिए यहां पर भेल्लिस्वामिन (सूर्य) का मंदिर बनवाया था. 10वीं व 11वीं शताब्दी में परमार काल में परमार राजाओं ने इसका पुनर्निर्माण करवाया था. मुगल शासक औरंगजेब ने इस मंदिर को ध्वस्त कर दिया था. इसके बाद मठा राजाओं ने इसका निर्माण कराया था.

6/6

देश के वर्तमान संसद भवन का डिजाइन भी मघ्य प्रदेश के मुरैना में स्थिति चौसठ योगिनी मंदिर जैसा है, जिसे ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस ने बनाया था. अब नए संसद भवन का निर्माण भी मध्य प्रदेश के ही विजय मंदिर से मिलता-जुलता है. यानी भारत की सबसे शक्तिशाली इमारत का इतिहास आजादी के पहले से मध्य प्रदेश से जुड़ा है और आगे भी जुड़ा रहेगा.