Unique wedding In Betul Railway Station: मध्य प्रदेश के बैतूल में हुई एक अनोखी शादी इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. इसमें शहर की एक मात्र महिला कुली दुल्हन बनी और उसकी रश्मों में स्थानी सांसद और रेलकर्मी शामिल हुए.
हमेशा आपने सुना होगा की भारतीय रेल यादों का पिटारा होती है. क्योंकि, हर भारतीय के लाइफ भारत की लाइफ लाइन कही जाने वाली रेलवे होती ही है. लेकिन, कई बार कुछ ऐसे पल आते हैं जो यादें तो बनते हैं. इसके साथ ही वो पल चर्चा की विषय भी बन जाते हैं.
रेलवे की यादें एक महिला कुली के जीवन के अनमोल पलों में शुमार हो गई हैं. दरअसल मध्य प्रदेश के बैतूल में एक अनोखी शादी हुई है. यहां शहर की एक मात्र महिला कुली दुल्हन बनी और उसकी रश्में रेलवे के वेटिंग हॉल में आयोजित की गयी.
बुधवार-गुरुवार की रात वेटिंग रूम में हल्दी का कार्यक्रम के साथ-साथ अन्य कार्यक्रम हुए. फिर महिला कुली दुर्गा की शादी धूमधाम से रचाई गई. कम्युनिटी हॉल में शादी की रस्में हुईं और बाबा साहब की तस्वीर के सामने वर-वधु ने वरमाला डालकर संकल्प लिया.
दुर्गा ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के वजन ढोते हुए गुजरते थे. आज स्टेशन पर मैंने शादी रचाई. उसके लिए ये स्टेशन जीवन का अभिन्न हिस्सा है. शादी में स्थानीय विधायक हेमंत खंडेलवाल के साथ ही आरपीएफ पोस्ट बैतूल और आमला के अधिकारी और उसके दूल्हे के परिवार वाले बाराती बनकर आए.
दुर्ग ने अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए पिता के इस काम को अपना काम बनाया. उसके पिता मुन्ना बोरवार भी यही काम करते थे. जब वो काम नहीं कर पा रहे थे तो दुर्गा ने परिवार पालने के लिए काम शुरू कर दिया. हालांकि, उसे यहां भी काम करने के लिए 2 साल बाद बिल्ला मिला. उसके बाद से काम कर बहनों का घर बसाया लेकिन, कभी अपने बारे में नहीं सोचा.
दुर्गा की दोस्ती आरपीएफ थाने में पदस्थ आरक्षक फराह खान से हुई. फराह ने एक साथी देशमुख के साथ दुर्गा के लिए रिश्ता खोजना शुरू किया तो बैतूल से 35 किमी दूर गांव आठनेर में उन्हें लड़का मिला. इसके बाद अब आठनेर के रहने वाले सुरेश भम्मरकर से शादी हो गई.
बैतूल की इकलौती महिला कुली की विवाह उत्सव में शामिल होने के लिए स्थानीय सांसद दुर्गादास उइके भी पहुंचे. उन्होंने कहा- ऐसी बेटियां हमारे देश के लिए प्रेरणास्रोत हैं. महिला सशक्तिकरण की दुर्गा एक मिसाल है.
अपने सहकर्मी और सहयोग की शादी में पूरे रेल परिवार ने खुशी मनाई. इसमें महिलाओं ने गाना बाजा किया और कुली दुर्गा हल्दी लगाई. लवे के कर्मचारी, अधिकारी, आरपीएफ जवान और समाजसेवी इस कार्यक्रम में शामिल हुए.
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