प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को महाकालेश्वर मंदिर में बन रहे भव्य कॉरिडोर का लोकार्पण करने आ रहे हैं. इसको लेकर सभी तरह की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है. आइए जानते हैं पहले चरण के लोकार्पण के बाद मंदिर में श्रद्धालुओं के एंट्री और एग्जिट को लेकर क्या क्या बदलाव होने जा रहे हैं.
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राहुल सिंह राठौड़/उज्जैनः महाकालेश्वर मंदिर विस्तारीकरण योजना के पहले चरण का कार्य पूरा होने के बाद से पूरा मंदिर परिसर बदल गया है. मंदिर का स्वरूप पहले से कई गुना अधिक भव्य दिख रहा है. पीएम मोदी महाकाल कॉरिडोर के पहले चरण के कार्यों का लोकार्पण करने 11 अक्टूबर को आ रहे हैं, इसको लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. कॉरिडोर के पहले चरण के उद्घाटन के बाद से मंदिर में श्रद्धालुओं के आवागमन मार्ग को निर्धारित किया जाएगा.
जानिए कहां से होगी एंट्री
महाकाल कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद श्रद्धालुओं के एंट्री और एग्जिट के बारे में जब कलेक्टर आशीष सिंह से बात की गई तो उन्होनें बताया कि मंदिर परिसर के 4 मुख्य द्वार होंगे. मंदिर परिसर अभी 2.4 हेक्टेयर में है, लेकिन महाकाल लोक कुल 47 हेक्टेयर में हो जाएगा. मंदिर के एंट्री एग्जिट की बात को लेकर कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि सबसे पहले नंदी द्वार जहां प्रधनमंत्री भी लोकार्पण करेंगे, वह मार्ग रेलवे स्टॉप, बस स्टॉप से आने वालों के लिए मुख्य और नजदीक होगा. इंदौर से आने वाले श्रद्धालु ब्रिज से उतरकर पिनाकी द्वार व माधवसेवा न्यास साइड नीलकंठ मार्ग से एंट्री कर सकते हैं. वहीं श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए 400 कार क्षमता युक्त पार्किगं की व्यवस्था की गई है.
दूसरे चरण के बाद होगा ये बदलाव
बता दें कि त्रिवेणी संग्रहालय के पास महाकाल पथ का बड़ा द्वार बनाया गया है. महाकाल कॉरिडोर के दूसरे चरण में महाराजवाड़ा परिसर विकास, रुद्रसागर जीर्णोद्वार, छोटा रूद्र सागर तट, रामघाट का सौंदर्यकरण, पार्किंग एवं पर्यटन का केंद्र रेलवे अंडरपास, महाकाल द्वार एवं प्राचीन मार्ग बेगम बाग मार्ग रुद्रसागर पर पैदल पुल का विकास होगा. रुद्रसागर ब्रिज बन जाने से चारधाम मंदिर साइड से लोग ब्रीज से आ जा सकेंगे. मंदिर में कुल चार प्रवेश द्वार होंगे.
श्रद्धालु सुगमता से करेंगे दर्शन
महाकाल कॉरिडोर के पहले चरण का कार्य पूरा होने से श्रद्धालुओं को बाबा महाकाल के आसानी से दर्शन हो जाएंगे. महाकाल कॉरिडोर पहुंचने के लिए दो पैदल मार्ग और एक ई-रिक्शा के लिए अलग से लेन तैयार की गई है. इसके जरिए बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालु आसानी से मंदिर पहुंचेंगे. मंदिर परिसर में पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए छायादार पेड़ भी लगाएं जा रहे हैं. कॉरिजोर में 128 दुकानों का निर्माण भी किया गया है, जिसमें स्वल्पाहार और हस्तकला की सामग्री रखी जाएगी.
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