छिंदवाड़ा में अजगर की हुई सर्जरी, जानिए आखिर क्यों करना पड़ा ऐसा
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छिंदवाड़ा में अजगर की हुई सर्जरी, जानिए आखिर क्यों करना पड़ा ऐसा

वन्य जीवों के शिकार के मामले अक्सर सामने आते है और इनमें भी ज़हरीले सर्प की बात हो तो उसे मारने से कोई भी नहीं चूकता, लेकिन आज भी ऐसे लोग है जो अपनी जान की तरह ही अन्य जीव जंतुओं की जान का भी मोल समझते हैं एक ऐसा ही मामला छिन्दवाड़ा से सामने आया है.

छिंदवाड़ा में अजगर की हुई सर्जरी, जानिए आखिर क्यों करना पड़ा ऐसा

सचिन गुप्ता/छिंदवाड़ा: वन्य जीवों के शिकार के मामले अक्सर सामने आते है और इनमें भी ज़हरीले सर्प की बात हो तो उसे मारने से कोई भी नहीं चूकता, लेकिन आज भी ऐसे लोग है जो अपनी जान की तरह ही अन्य जीव जंतुओं की जान का भी मोल समझते हैं एक ऐसा ही मामला छिन्दवाड़ा से सामने आया है. जहां पर अजगर की जान उसकी सर्जरी करके बचाई गई है.

बता दें कि छिंदवाड़ा के सोनपुर में गंभीर रूप से घायल मिले अजगर सांप को सर्जरी के बाद बचा लिया गया. जख्मी अजगर का सुरक्षित रेस्क्यू सर्पमित्र हेमंत गोदरे और राहुल राहंगडाले के द्वारा किया गया. 

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पुरानी चोट लगी थी 
वन्य प्राणी विशेषज्ञ डॉक्टर अंकित मेश्राम को सांप की गंभीर स्थितियों से अवगत कराया और तत्काल इलाज की मांग की. सर्प के पेट वाले हिस्से में पुरानी चोट होने के कारण मसल्स पूरी तरह सड़ चुकी थी. सबसे पहले विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा एनेस्थीसिया लगाकर बेहोश किया गया. जिसे तत्काल सर्जरी की आवश्यकता थी. पेट की सड़ी हुई मसल्स को सर्जरी द्वारा काटकर अलग किया गया ,और पेट की मसल्स एवं चमड़ी में घूलने वाले टांके लगाए गए.

15 मिनट बाद आया होश
सर्जरी के उपरांत ही अजगर को 15 मिनट बाद होश आ गया और कुछ आवश्यक दवाइयां जिसमें दर्दनाशक, एंटीबायोटिक, एवं एंटी एलर्जी इंजेक्शन लगाए गए. आपको बता दें कि डॉक्टर मेश्राम द्वारा पूर्व में भी बहुत सारे वन्य प्राणियों की सर्जरी करके जान बचाई गई हैं. सांप को तीन से चार दिन जांच हेतु निगरानी में रखा जाएगा. आवश्यक दवाइयां दी जाएगी और वन विभाग की देखरेख में पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के पश्चात ही उसे विचरण हेतु उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ा जाएगा.

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