चन्द्रशेखर सोलंकी/रतलामः जिले में इन दिनों शहर के बाहर रिंग रोड निर्माण कार्य चल रहा है. 21 किलोमीटर नंदलयी मांगरोल के बीच बनने जा रहे मार्ग पर किसानों की परेशानी बढ़ रही है. बता दें सड़क निर्माण का कार्य शुरू हो जाने के बाद भी किसानों को उनसे अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा नहीं मिल रहा है.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मुआवजे के लिए चक्कर लगा रहे किसान
दरअसल रिंग रोड के जद में आ रही करीब 190 किसानों की खेत की जमीन प्रशासन ने अधिग्रहण की है. लेकिन माह बीत जाने के बाद भी इन किसानों को मुआवजा नहीं मिल पा रहा है. किसान लगातार अपने मुआवजे को लेकर न सिर्फ पीडब्ल्यू दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं. बल्कि अपनी आंखों केसामने अपने भरे खेतों में जेसीबी चलाये जाने से भी दुखी हैं.


जानिए क्या कहा कलेक्टर ने!
रिंग रोड निर्माण में लगे ठेकेदार का कहना है कि 21 किलोमीटर की यह रिंग रोड करीब 18 माह में बनना है. किसान डिमांड कर रहे हैं कि उनका मुआवजा नहीं मिल पाया है. पूरे मामले में कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी का कहना है कि मुआवजे की प्रक्रिया जारी है, 16 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है. इसके लिए प्रक्रिया जारी है, जिसके बाद सभी को मुआवजा दिया जाएगा.


किसानों की मांग
किसानों की अधिकग्रहण किये हुए लहलहाते खेतों में जेसीबी का पंजा चलाया जा रहा है और वो भी मुआवजा देने से पहले, किसान लगातार मांग कर रहे है कि हमारे जमीन पर प्रशासन ने रोड बनाने का काम शुरू कर दिया. लेकिन अब तक मुआवजे का सिर्फ आश्वासन ही मिला है. अब इस रिंग रोड निर्माण कार्य शुरू हो गया है, जिसको लेकर किसानों में सवाल यही है कि मुआवजे के पहले खड़ी फसल पर जेसीबी का पंजा क्यों चलाया जा रहा है. यदि अधिग्रहण की प्रक्रिया बाकी है तो इससे पहले ही इन पर निर्माण कार्य कैसे शुरू हो गया. अब देखना यह होगा कि शहर के विकास में किसानों को जमीन का मुआवजा मिलेगा या इसमें किसानों को मुआवजे के लिए सालों इंतजार करना पड़ेगा.


ये भी पढ़ेंः MP में खनन माफियाओं के निशाने पर चंबल नदी, HC के नियमों का धड़ल्ले से हो रहा उल्लंघन