किसी भी भी पंचायत का संचालन प्रशासन के कर्मचारियों और जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधियों से होता है. लेकिन सोचिए अगर यह सब पंचायत से फरार हो जाए तो फिर काम कैसे चलेगा. कुछ ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के रीवा जिले से सामने आया है, जहां एक पंचायत में  सरपंच, सचिव और सहायक सचिव तीनों एक साथ फरार हैं, जिससे पंचायत में होने वाले विकास के कार्य पूरी तरह से ठप्प पड़े हैं. इस बात की शिकायत अब जिले के कलेक्टर के पास भी पहुंची है. ग्रामीणों का कहना है कि तीनों के फरार होने से जरूरी दस्तावेजों पर सरपंच, सचिव और सहायक सचिव के हस्ताक्षर तक नहीं हो पा रहे हैं. 


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रीवा की चकदही पंचायत का मामला 


दरअसल, मामला रीवा जिले में आने वाली चकदही पंचायत का है. यहां के सरपंच, सचिव और सहायक सचिव सब फरार बताए जा रहे हैं. शिकायतकर्ता ओंकार प्रसाद मिश्रा ने बताया कि जब से तीनों आरोपी फरार हुए हैं, तब से पंचायत भवन में ताला लटका है. कोई काम नहीं हो पा रहा, ऐसा कई दिनों से है, ग्रामीण परेशान हैं, हम सब चाहते हैं कि जल्द कुछ उपाय निकाला जाए. 


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इस तरह हुआ घोटाला


दरअसल, रीवा जिले में रहने वाले ओंकार प्रसाद मिश्रा शिवाय ट्रेडर्स के संचालक हैं, वह आयकर भी जमा करते हैं. लेकिन ग्राम पंचायत चकदही में राजेंद्र प्रसाद नाम के व्यक्ति में तालाब का निर्माण होना था, लेकिन यह बड़ा घोटाला सामने आया है. जहां तालाब में मजदूरी में ओंकार प्रसाद मिश्रा और उनकी पत्नी शशि मिश्रा का नाम मजदूरों के रूप में दर्शाकर उनकी मजदूरी के रूप में तीन अलग-अलग राशि 5083 रुपए, 2873 रुपए और 3094 रुपए इंडियन बैंक के खाता वा पत्नी के एचडीएफसी बैंक के खाता में जारी करवा लिया. मामला सामने आने के बाद थाने में शिकायत दर्ज कराई गई, करीब 15 दिन पहले पुलिस ने सरपंच सहित तीन के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया.


सरपंच-सचिव और सहायक सचिव पर आरोप 


पुलिस को मिली शिकायत के मुताबिक ओंकार की जेसीबी को तालाब के गहरी करण के लिए पंचायत ने किराए पर लिया था, इसके अतिरिक्त सामग्री सप्लाई का काम भी उन्होंने पंचायत में किया था.  इसका भुगतान सीधे पंचायत के खाते से ना करके उन्होंने उनको और पत्नी को मजदूर दिखाकर मजदूरी की रकम के रूप में भुगतान किया है. उन्होंने बताया कि पीड़ित की शिकायत जांच में सही मिलने पर पुलिस ने सरपंच नीता पति नरेंद्र अग्निहोत्री, सचिव राज बिहारी सिंह और रोजगार सहायक अजय अग्निहोत्री के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. आरोपियों ने उनका नाम फर्जी तरीके से मस्टर रोल में दर्ज कर विक्रय राशि को सेटल करने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि जांच में नए तथ्य सामने आएंगे तो उस आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि तीनों के गायब होने से पंचायत में विकास के काम रुक गए हैं. 


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