अजय मिश्रा/रीवा: मध्यप्रदेश को अजब-गजब का खिताब यूं ही नहीं मिला. ऐसे कई मामले सामने आते हैं, जिनसे पता चलता है कि एमपी वाकई अजब और अद्भुत है. ऐसा ही एक ताजा मामला रीवा से सामने आया है, जहां एक छात्रा ने पूरे साल बायो की पढ़ाई की, लेकिन बोर्ड परीक्षा में उसका एडमिट कार्ड आर्ट्स के लिए आया.


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बोर्ड परीक्षा में थमाया गया आर्ट्स का एडमिट कार्ड
दरअसल, माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्य प्रदेश भोपाल ने जैसे ही बोर्ड परीक्षाओं की समय सारिणी घोषित की, वैसे ही कई तरह की बातें सामने आ रही हैं. ऐसा ही एक मामला जवा तहसील अंतर्गत सितलहा संकुल के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चांदी से आया है. जहां 12वीं कक्षा की छात्रा ने एक साल तक बायो की पढ़ाई की. यहां तक कि बायो ग्रुप विषय पर त्रैमासिक परीक्षा और अर्धवार्षिक परीक्षा भी दी. लेकिन जब बोर्ड परीक्षा की बारी आई तो स्कूल की ओर से छात्रा को आर्ट्स ग्रुप का एडमिट कार्ड थमा दिया गया.


छात्रा हैरान
एडमिट कार्ड देखकर छात्रा हैरान रह गई. छात्रा ने बताया कि वह शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चंडी में पढ़ती थी, 11वीं कक्षा में आर्ट्स विषय पढ़ने के बाद उसने प्राचार्य से 12वीं कक्षा में बायो की पढ़ाई करने का अनुरोध किया. जहां प्राचार्य ने बायो विषय की 1500 रुपये फीस जमा करा ली. इसके बाद छात्रा ने बायो की पढ़ाई शुरू की. लेकिन जब बोर्ड परीक्षा का एडमिट कार्ड आया तो वह आर्ट्स विषय का निकला, जिससे छात्रा हैरान रह गई. और जब उसने प्रिंसिपल से इसका कारण पूछा तो प्रिंसिपल ने छात्रा को बताया कि वह आर्ट्स विषय से ही थी. 


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प्रिंसिपल पर लापरवाही का आरोप
आपको बता दें कि परीक्षा से वंचित छात्रा काफी सदमे में थी. छात्रा ने स्कूल प्रिंसिपल पर लापरवाही का आरोप लगाया है. इस संबंध में छात्रा ने 181 सीएम हेल्पलाइन के अलावा जिला कलेक्टर को भी डाक के माध्यम से जानकारी दी है. और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा है कि इस पूरे मामले में जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी.