RTE के तहत कैसे दिला सकते हैं अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में फ्री एडमिशन, जानिए
आरटीई के माध्यम से निजी स्कूलों की 25 फीसदी सीटों पर गरीब नागरिकों के बच्चों का मुफ्त एडमिशन होता है और बच्चे की शिक्षा का खर्च सरकार द्वारा उठाया जाता है.
भोपालः मध्य प्रदेश में आज राइट टु एजुकेशन (RTE) के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन लॉटरी निकाली गई है. इस लॉटरी के आधार पर ही बच्चों को महंगे निजी स्कूलों में मुफ्त में एडमिशन मिल सकेगा. दरअसल राइट टु एजुकेशन एक्ट के तहत दुर्बल आय वर्ग के लोग भी अपने आसपास के निजी स्कूलों में अपने बच्चों का एडमिशन करा सकते हैं और वो भी मुफ्त में. आरटीई एक्ट सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल करने का अधिकार देता है. बता दें कि एमपी में 2 लाख से ज्यादा अभिभावकों ने RTE के तहत एडमिशन के लिए आवेदन किया था. इन 2 लाख आवेदन में से 1,71,000 बच्चे एडमिशन के पात्र माने गए हैं. इन्हीं पात्र बच्चों को ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से स्कूलों का आवंटन किया जाएगा.
जानिए क्या है RTE में एडमिशन की प्रोसेस
आरटीई के तहत बच्चों को निजी स्कूलों में एडमिशन दिलाने के लिए सबसे पहले परिजनों को rteportal.mp.gov.in पर जाना होगा. आरटीई के माध्यम से निजी स्कूलों की 25 फीसदी सीटों पर गरीब नागरिकों के बच्चों का मुफ्त एडमिशन होता है और बच्चे की शिक्षा का खर्च सरकार द्वारा उठाया जाता है.
यहां से एप्लीकेशन फॉर्म डाउनलोड करना होगा. फार्म में मांगी गई जरूरी जानकारी देने के बाद ओटीपी के माध्यम से अपना मोबाइल नंबर सत्यापित कराना होगा. इसके बाद अलॉटमेंट लेटर को भरकर सबमिट कर दें. जमा करने के बाद रिसिप्ट भी हासिल कर लें. इसके बाद लॉटरी के आधार पर बच्चों को एडमिशन मिल सकेगा. आरटीई एक्ट के तहत दुर्बल आय वर्ग के बच्चों को 8वीं तक मुफ्त शिक्षा मिलेगी. एक लाख से कम वार्षिक आय वाले लोग इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. साथ ही युद्ध विधवाएं, बीपीएल और पीडब्लूडी उम्मीदवार भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
आरटीई के तहत एडमिशन के लिए आवेदन के साथ आधार कार्ड, अभिभावक का वोटर आईडी कार्ड, आय प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, दो पासपोर्ट साइज फोटो, बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, तहसीलदार द्वारा जारी आवासीय प्रमाण पत्र, एचआईवी, कैंसर पीड़ित छात्र के लिए पंजीकृत डायग्नोस्टिक सेंटर द्वारा जारी रिपोर्ट देनी होगी.