Shinzo Abe: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की आज चुनावी रैली के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई. शिंजो की हत्या के बाद पूरी दुनिया में शोक की लहर है. पीएम मोदी ने शिंजो आबे के निधन पर शोक व्‍यक्‍त किया है. जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे अपने देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में शामिल हैं. जापान के प्रधानमंत्री रहते हुए उन्‍होंने भारत के साथ संबंधों को मजबूत तो किया ही साथ ही उन्होंने भारत-जापान के रिश्तों को एक नई ऊंचाइयां भी दी. शिंजो को भारत से इतना लगाव था कि भारत और जापान के रिश्ते मजबूत करने के लिए शिंजो आबे को जाना जाता है. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सबसे अधिक यानी कि 3 बार भारत का दौरा किया था. साल 2020 में उन्‍होंने कोलाइटिस बीमारी के चलते प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया था.  


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शिंजो आबे के भारत से मजबूत रिश्ते
साल 2001 में भारत-जापान के बीच वैश्विक साझेदारी शुरू करने के एलान का साथ ही दोनों देशों के बीच नए रिश्ते की शुरुआत हुई. साल 2012 के बाद शिंजो आबे के प्रधानमंत्री रहने के दौरान भारत-जापान के रिश्ते बेहद मजबूत हुए. दोनों देशों के बीच बुलेट ट्रेन, समुद्री सुरक्षा नागरिक परमाणु ऊर्जा, ऐक्स ईस्ट पॉलिसी समेत कई अहम समझौते हुए.



शिंजो भारत के गणतंत्र दिवस पर शामिल होने वाले पहले जापानी पीएम
शिंजो आबे के कार्यकाल के दौरान भारत-जापान ना केवल और नजदीक आए. बल्कि दोनों देशों के संबंध नई ऊंचाई पर भी पहुंचे. वो 2014 में गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि बनने वाले पहले जापानी प्रधानमंत्री थे. यह भारत के संबंध के प्रति उनके कमिटमेंट को दर्शाता है. 


शिंजो आबे भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित
शिंजो आबे का भारत से गहरा नाता रहा है. वह अपने कार्यकाल में सबसे ज्यादा बार भारत आने वाले जापानी पीएम रहे हैं. अगस्त 2007 में, जब आबे पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में भारत आए तो उन्होंने "दो समुद्रों का संगम" पर भाषण दिया कि हिंद-प्रशांत की अपनी अवधारणा की नींव भी रखी. भारत से हमेशा नजदीकी रिश्ते के हिमायती रहे. आबे को भारत सरकार ने 2021 में अपने दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण अवार्ड से सम्मानित किया. 


शिंजो आबे भारत के लिए एक महान और बेहद खास नेता बने रहेंगे. भारत-जापान के रिश्ते को लेकर उनकी प्रतिबद्धता को भारत हमेशा याद रखेगा. पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वैश्विक स्तर पर ना केवल संबंध मजबूत हुए बल्कि दोनों देशों के बीच व्यापिरक रिश्ते भी मजबूत हुए हैं.