Shiv Rudraksha Importance: सावन का महीना शुरू होने वाला है. हमारे यहां शिव भक्तों की संख्य बहुत ज्यादा है. सावन के महीने में सभी प्रसिद्ध शिवालयों में भक्तों की लंबी-लंबी कतारे लगती है. ज्यादात्तर शिव भक्त शंकर जी को रुद्राक्ष चढ़ाते हैं और साथ ही रुद्राक्ष की माला गले में पहनते हैं. माना जाता है कि रुद्राक्ष में साक्षात् भोले शंकर का वास होता है, इसलिए जो भक्त अपने गले में रुद्राक्ष की माला धारण करता है, उसे शिव जी की विशेष कृपा प्राप्त होती हैं, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि भगवान शंकर को आखिर रुद्राक्ष की माला ही क्यों पसंद है. आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह.


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जानिए शिव को क्यों पसंद है रुद्राक्ष
ऐसी मान्यता है कि जब माता सती का वियोग शिव जी सहन नहीं हुआ तब उनके आंखो से आंसू की धारा निकल पड़ी और इन आंसू की धारा से पेड़ का निर्माण हुआ. रुद्र के आंख से निकले अक्ष से निर्मित पेड़ को रुद्राक्ष का नाम दिया गया. रुद्राक्ष धारण करने से शिव जी को सती माता की याद आती है. इसलिए शंकर जी को रुद्राक्ष बहुत प्रिय है.


वहीं रुद्राक्ष को लेकर दूसरी मान्यता प्रचलित है कि भगवान शिव जब माता सती के वियोग में थें तो उनके गिरे आंसू से एक राक्षस का निर्माण हुआ जो शिव जी को दुःख में देख सम्पुर्ण ब्राम्हांड के नाश पर उतर आया, जिसके बाद देवाताओं ने शिव जी से विनती की तब जाकर भगवान शंकर ने उस राक्षस का वध कर दिया. राक्षस शिव जी का बहुत बड़ा भक्त था, इसलिए मरते वक्त उसने शिव जी से बोला कि मैं आपसे किसी भी कीमत पर दूर नहीं होना चाहता हूं. तब शिव जी ने उसे 'एव मस्तु' का वरदान दे दिया. राक्षस जहां पर गिरा वहां एक पेड़ उग गया. भगवान शिव ने उसे वरदान देने की वजह से इस पेड़ के फल को रुद्र देव शंकर आभूषण में पिरो कर धारण करने लगे. इसलिए माना जाता है कि जो भक्त रुद्राक्ष धारण करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है.


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जानिए रुद्राक्ष का महत्व
शिव का रुद्राक्ष से अटूट संबंध है मान्यता है कि भगवान शिव राम, कृष्ण और विष्णु के आराध्य थें, इसलिए जो भक्त नियमित रुद्राक्ष की पूजा और जप करता है, उसे करोड़ों पुण्य की प्राप्ति होती है और उसके जीवन में जाने अनजाने में किया गया सभी पाप नष्ट हो जाता है. रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर चौदह मुखी तक होता है. इन अलग-अलग रुद्राक्ष का अपना अलग-अलग महत्व होता है. अगले लेख में हम जानेंगे इन रुद्राक्षों के महत्व के बारे में.
  


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(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्या मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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